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Rajasthan में बजट सत्र में 181 घंटे चली विधानसभा, 9800 सवाल लगे, 10 विधेयक पारित, 3 प्रवर समिति को भेजे

राजस्थान विधानसभा में सोमवार को बजट सत्र का आखिरी दिन था। सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ और सत्र के दौरान कुल 24 बैठकों में 181 घंटे और 52 मिनट तक कार्यवाही जारी रही जिसमें कुल 12 विधेयक पेश किए गए, जिनमें से 10 विधेयक सदन में पारित हुए और 3 विधेयक प्रवर समिति को भेजे गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।

उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने 19 मार्च को कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक-2025 पेश किया था, लेकिन अंतिम दिन चर्चा के बाद इसे प्रवर समिति को भेज दिया गया था। भरतपुर एवं बीकानेर विकास प्राधिकरण अध्यादेश को नियमित विधेयक में परिवर्तित कर विकास प्राधिकरण संशोधन विधेयक-2025 पारित किया गया। जल संकट को देखते हुए भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक पेश किया गया, लेकिन विस्तृत चर्चा के बाद इसे पुनः प्रवर समिति को भेज दिया गया। धर्मांतरण विरोधी विधेयक-2025 पेश किया गया, जिस पर चर्चा नहीं हो सकी।

सत्र के दौरान कुल 9800 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें से 4480 तारांकित तथा 5302 अतारांकित प्रश्न थे। इनमें से अब तक 10,049 प्रश्नों में से 9453 के उत्तर उपलब्ध करा दिए गए हैं, जिससे 95% प्रश्नों के उत्तर सुनिश्चित हो गए हैं। सत्र के दौरान कुल 231 स्थगन प्रस्ताव (नियम 50) प्राप्त हुए, जिनमें से सदन को 71 प्रस्तावों पर बोलने का अवसर मिला। सदन में 337 विशेष उल्लेख प्रस्तावों (नियम 295) में से 293 पढ़े गए, 92 प्रस्तावों पर राज्य सरकार से सूचना मांगी गई तथा विधायकों की अनुपस्थिति के कारण 40 प्रस्ताव निरस्त हो गए। सदन में कुल 767 पर्चियां प्रस्तुत की गईं, जिनमें से 84 पर्चियों का चयन शलाका ने किया।

ध्यानाकर्षण हेतु 811 प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 7 प्रस्ताव अस्वीकृत किये गये तथा 804 प्रस्ताव तथ्यात्मक जानकारी हेतु राज्य सरकार को भेजे गये तथा 400 प्रस्तावों के उत्तर प्राप्त हुए। बजट अनुमान (2025-26) 19 फरवरी को प्रस्तुत किए गए, जिसमें 96 विधायकों ने सामान्य बहस में भाग लिया, जो कुल 5 दिनों के लिए निर्धारित थी, जो पिछले सत्र से एक दिन अधिक थी।

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