राजस्थान में भी मोबाइल की तरह रिचार्ज करवा सकेंगे बिजली के मीटर, वीडियो में जानें और समझें क्या है पुरा प्रोसेस
राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी सुविधा की शुरुआत होने जा रही है। अब उपभोक्ता अपने मोबाइल फोन की तरह बिजली मीटर को पहले रिचार्ज कर सकेंगे और उतनी ही बिजली का उपयोग कर पाएंगे, जितना उन्होंने रिचार्ज किया है। यह प्रीपेड बिजली व्यवस्था उपभोक्ताओं को न केवल बिजली की खपत पर नियंत्रण देगी, बल्कि ट्रांसपेरेंसी और तकनीकी सुविधा भी प्रदान करेगी।
राज्य सरकार और विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा शुरू की गई इस नई व्यवस्था के तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे, जिनसे बिजली उपभोग की पूरी जानकारी मोबाइल ऐप और पोर्टल के जरिए रियल टाइम ट्रैक की जा सकेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उपभोक्ताओं को बिजली बिल की चिंता नहीं रहेगी, बल्कि वे अपनी जरूरत और बजट के अनुसार पहले से ही रिचार्ज कर सकेंगे।
कैसे काम करेगा स्मार्ट प्रीपेड मीटर?
नई व्यवस्था में बिजली का उपयोग मोबाइल रिचार्ज की तरह होगा। उपभोक्ता ऑनलाइन पोर्टल या ऐप के माध्यम से राशि रिचार्ज करेंगे और उतनी ही बिजली उनके मीटर में सक्रिय रहेगी। जैसे-जैसे बिजली खर्च होती जाएगी, मीटर बैलेंस घटेगा। बैलेंस खत्म होने के बाद बिजली की आपूर्ति भी बंद हो जाएगी, लेकिन उपभोक्ता तुरंत पुनः रिचार्ज कर सेवा बहाल कर सकेंगे।
मोबाइल ऐप से मिलेंगी ये सुविधाएं:
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बिजली की रियल टाइम खपत देख सकेंगे
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शेष बैलेंस की जानकारी मिलेगी
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रिचार्ज की सुविधा घर बैठे
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बिजली कटने से पहले अलर्ट
इस नई तकनीक से उपभोक्ताओं को बिल भुगतान में पारदर्शिता मिलेगी और अनावश्यक बिजली व्यय पर भी लगाम लग सकेगी। साथ ही, बिजली चोरी जैसी समस्याओं पर भी रोक लगेगी क्योंकि प्रीपेड मीटर डेटा को सीधे सर्वर से जोड़ते हैं।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक समान लाभ
सरकार की योजना के तहत पहले चरण में शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे, और उसके बाद इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा। इससे हर वर्ग के उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा—चाहे वह घरेलू उपभोक्ता हो, व्यापारी या किसान।
ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, "यह पहल उपभोक्ता हित में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल बिजली की खपत पर निगरानी आसान होगी, बल्कि ऊर्जा बचत को भी बढ़ावा मिलेगा।"
राजस्थान सरकार की यह पहल डिजिटल और पारदर्शी शासन की दिशा में एक और मजबूत कदम मानी जा रही है, जो ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्मार्ट ग्रिड’ की संकल्पना को भी गति देगी।

