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द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामला, वीडियो में जानें बाबूलाल कटारा के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की प्रति अदालत में पेश

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राजस्थान में चर्चित द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2022 पेपर लीक मामले में जांच एजेंसी एसओजी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की प्रति गुरुवार को ईडी मामलों की विशेष अदालत में पेश की है। इससे पहले 18 अप्रैल 2024 को एसओजी ने कटारा को इस मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने पेपर लीक प्रकरण में मुख्य भूमिका निभाई और पेपर लीक कराने में सीधे तौर पर संलिप्त रहे।

क्या है मामला?

द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 का प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था, जिससे हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य प्रभावित हुआ। मामले की जांच में खुलासा हुआ कि यह एक संगठित गिरोह द्वारा अंजाम दिया गया था, जिसमें कुछ प्रभावशाली लोग भी शामिल थे। इसी जांच के दौरान एसओजी को आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा की संलिप्तता के सबूत मिले।

कटारा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पद का दुरुपयोग कर प्रश्नपत्र को लीक कराने में सहायता की और इसके बदले में आर्थिक लाभ भी प्राप्त किया।

अभियोजन स्वीकृति से बढ़ी मुश्किलें

एसओजी ने अब बाबूलाल कटारा के खिलाफ अभियोजन की अनुमति प्राप्त कर ली है और इसे अदालत में पेश भी कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने का रास्ता साफ हो गया है और जल्द ही इस मामले में कानूनी प्रक्रिया और तेज हो सकती है।

अगली सुनवाई में हो सकता है बड़ा फैसला

ईडी मामलों की विशेष अदालत में अब इस केस की अगली सुनवाई में चार्जशीट को लेकर प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। यदि आरोप तय होते हैं, तो बाबूलाल कटारा को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है।

पेपर लीक मामलों में RPSC की भूमिका पर सवाल

इस मामले के सामने आने के बाद से राजस्थान लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर भी सवाल उठते रहे हैं। राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता को बनाए रखने के लिए आयोग के कामकाज में व्यापक सुधार की मांग की जा रही है।

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