धारीवाल ने विधानसभा में उठाया प्रदेश की आर्थिक मंदी का मुद्दा, वीडियो में देखें सरकार पर लगाए आरोप

राजस्थान विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान आज एप्रोप्रिएशन बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने राज्य की भजनलाल शर्मा सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए। धारीवाल ने सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार का वित्तीय प्रबंधन लगभग पूरी तरह फेल हो चुका है। उन्होंने कहा कि जो सरकार अपने ही मंत्रियों के खर्च का सही अनुमान नहीं लगा पाई, उससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बेहतर ढंग से संभालने की उम्मीद करना बेमानी है।
शांति धारीवाल ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य की नई सरकार को बने हुए अभी कुछ ही समय हुआ है और इतनी जल्दी मंत्रिमंडल के खर्चों को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्री डिमांड (अनुपूरक मांग) लाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार को पहले से ही अनुमान होना चाहिए था कि मंत्रियों और विभागों को किस हद तक राशि की आवश्यकता होगी। मगर वित्त विभाग की लापरवाही और योजनाबद्ध तरीके से खर्चों का प्रबंधन न कर पाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
धारीवाल ने कहा, “जो सरकार अपने मंत्रियों के खर्च का सही आंकलन नहीं कर पाई, वह जनता की भलाई के लिए जरूरी योजनाओं को कैसे सफलतापूर्वक लागू कर पाएगी?” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना ठोस योजना के काम शुरू किए, जिसका असर सीधे राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य का बजट पहले से ही दबाव में है और ऐसे में अनियोजित खर्च और सप्लीमेंट्री डिमांड से वित्तीय अनुशासन पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल में वित्तीय संतुलन बनाए रखने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने शुरुआत से ही अव्यवस्था फैला दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भजनलाल सरकार ने जल्द ही वित्तीय अनुशासन नहीं अपनाया, तो प्रदेश को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
सदन में बोलते हुए धारीवाल ने वित्त मंत्री की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि विभागीय समन्वय की कमी साफ नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में किसी भी विभाग के खर्च का आकलन सही ढंग से नहीं किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार के पास कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है।
धारीवाल ने सरकार से मांग की कि वह जनता के धन का सदुपयोग सुनिश्चित करे और बिना योजना के खर्च बंद करे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि आम जनता का भरोसा बना रहे।
इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष के विधायकों ने धारीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भजनलाल सरकार विकास कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है और सप्लीमेंट्री डिमांड विकास को गति देने के उद्देश्य से लाया गया है। हालांकि विपक्ष ने इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया और सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप दोहराया।
विधानसभा सत्र के दौरान यह बहस और तीखी हो गई जब कांग्रेस विधायकों ने सप्लीमेंट्री डिमांड की बारीकियों पर सवाल उठाए और सरकार से विस्तृत स्पष्टीकरण की मांग की। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार विपक्ष के इन आरोपों का जवाब किस तरह देती है।