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अरावली पर्वतमाला बचाने को लेकर जयपुर की सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब, वीडियो में देखें ‘अरावली बचाओ–जीवन बचाओ’ के नारे गूंजे

अरावली पर्वतमाला बचाने को लेकर जयपुर की सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब, वीडियो में देखें ‘अरावली बचाओ–जीवन बचाओ’ के नारे गूंजे

अरावली पर्वतमाला को समाप्त करने के कथित फैसले के विरोध में रविवार को जयपुर की सड़कों पर जबरदस्त जनआक्रोश देखने को मिला। पर्यावरण संरक्षण और आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व को बचाने के संकल्प के साथ हजारों लोग सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के नेतृत्व में आयोजित इस आंदोलन में लोगों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर ‘अरावली बचाओ–जीवन बचाओ’ के नारे बुलंद किए।

यह आंदोलन ‘अरावली बचाओ–जीवन बचाओ’ सत्याग्रह के तहत आयोजित किया गया। इसके अंतर्गत खाचरियावास हाउस से अंबेडकर सर्किल तक एक विशाल पदयात्रा निकाली गई। पदयात्रा के दौरान बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, युवा और आम नागरिक शामिल हुए। पदयात्रा के दौरान पूरे मार्ग पर अरावली पर्वतमाला के संरक्षण की मांग को लेकर नारेबाजी होती रही।

पदयात्रा के बाद सचिवालय के पास स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के नीचे आंदोलन का औपचारिक शुभारंभ किया गया। यहां करीब 45 मिनट का मौन सत्याग्रह किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने शांतिपूर्ण तरीके से अरावली के संरक्षण का संकल्प लिया। मौन सत्याग्रह के माध्यम से सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि अरावली केवल पहाड़ नहीं, बल्कि राजस्थान की जीवनरेखा है।

पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मौके पर कहा कि अरावली पर्वतमाला राजस्थान के पर्यावरण संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अरावली को खत्म करने के फैसले से जलस्तर, हरियाली और जैव विविधता पर गंभीर असर पड़ेगा। खाचरियावास ने कहा कि यदि अरावली नष्ट हुई तो इसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की।

आंदोलन में शामिल लोगों ने भी अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अरावली पर्वतमाला भूजल संरक्षण, जलवायु संतुलन और प्रदूषण नियंत्रण में अहम भूमिका निभाती है। इसे खत्म करना पर्यावरण के साथ खिलवाड़ होगा। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक अरावली को बचाने की ठोस गारंटी नहीं मिलती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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