वीडियो में जाने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ का बयान “देश को धर्मशाला समझने वालों को सत्ता नहीं सौंपी जा सकती”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत के शासन का निर्णय केवल इस देश के नागरिक ही करेंगे। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि “यह देश धर्मशाला नहीं है, जहां कोई भी आए, मौज करे, कमाए और फिर वापस चला जाए।” राठौड़ ने कहा कि जो लोग भारत को धर्मशाला समझते हैं, उन्हें सत्ता में आने का अधिकार नहीं दिया जा सकता।
राठौड़ ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा का स्पष्ट मानना है कि देश की नीतियों और शासन व्यवस्था पर केवल उन्हीं लोगों का अधिकार होना चाहिए, जो इस देश के नागरिक हैं और जिन्होंने भारत की मिट्टी में जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि “जो इस देश में जन्मा है, वही इस देश का नागरिक रहेगा। जो बाहर से आया है, उसका नाम मतदाता सूची से हटाया जाएगा।”
प्रदेशाध्यक्ष ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार नागरिकता और मतदाता सूची से जुड़े मामलों में स्पष्ट नीति पर काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल और संगठनों ने देश के संसाधनों का अनुचित लाभ उठाने वाले बाहरी लोगों को संरक्षण देने की कोशिश की है। “अब वह समय गया, जब कोई भी इस देश को अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सके,” उन्होंने कहा।
राठौड़ ने अपने वक्तव्य में देशभक्ति और नागरिकता के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा सभी संस्कृतियों और समुदायों को सम्मान दिया है, लेकिन जो लोग देश की संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ काम करते हैं, उन्हें नागरिकता के अधिकार नहीं दिए जा सकते। उन्होंने कहा, “हमारा संविधान हर नागरिक को समान अधिकार देता है, लेकिन यह अधिकार उन पर लागू नहीं होता जो देश की एकता और अखंडता को चुनौती देते हैं।” कार्यक्रम में मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने राठौड़ के वक्तव्य का समर्थन करते हुए “भारत माता की जय” और “देश विरोधियों को जवाब दो” जैसे नारे लगाए।
राठौड़ ने आगे कहा कि भाजपा सरकार का संकल्प है कि मतदाता सूची को शुद्ध किया जाए और फर्जी पहचान वाले या बाहरी व्यक्तियों के नामों को सूची से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि “यह कदम लोकतंत्र की पवित्रता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। चुनावों में केवल वास्तविक नागरिकों की भागीदारी ही भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को सशक्त बनाएगी।” प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ने बाद में कहा कि राठौड़ का यह बयान किसी विशेष समुदाय को लेकर नहीं है, बल्कि उन सभी लोगों के खिलाफ है जो भारत की नागरिकता का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
राजनीतिक गलियारों में राठौड़ के इस बयान को लेकर हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इसे भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का उदाहरण बताया, जबकि भाजपा समर्थकों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में सख्त और आवश्यक कदम करार दिया। राठौड़ के इस बयान से आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में नई बहस छिड़ने की संभावना है।

