जेपी नड्डा के दौरे से पहले तैयारी की बैठक में आपस में भिड़े भाजपा नेता, वीडियो में जानें भूपेंद्र सैनी और राजेश गुर्जर में हुई कहासुनी

राजस्थान भाजपा कार्यालय में मंगलवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब भाजपा के दो वरिष्ठ नेता आपस में भिड़ गए। यह घटना भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आगामी दौरे की तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक से ठीक पहले हुई। दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक प्रतिस्पर्धा आखिरकार सार्वजनिक रूप से सामने आ गई।
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश भाजपा कार्यालय में जैसे ही बैठक शुरू होने ही वाली थी, उससे पहले दोनों नेताओं के बीच कार्य प्रबंधन और जिम्मेदारियों के बंटवारे को लेकर बहस शुरू हो गई। मामला इस कदर बढ़ा कि एक-दूसरे पर व्यक्तिगत आरोप लगाने से भी वे पीछे नहीं हटे। दोनों ने अपने-अपने गुटों और समर्थकों की उपस्थिति में तीखी बातें कह डालीं, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
जेपी नड्डा के दौरे को लेकर बढ़ा तनाव
जेपी नड्डा 30 मई को राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे को लेकर पार्टी संगठन के स्तर पर तैयारियां जोरों पर हैं। नड्डा का यह दौरा आगामी विधानसभा उपचुनावों और 2024 के बाद संगठनात्मक मजबूती की दृष्टि से अहम माना जा रहा है। ऐसे में इस प्रकार का टकराव पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़ा कर सकता है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि जिन दो नेताओं के बीच विवाद हुआ, वे दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में प्रभावशाली माने जाते हैं और पार्टी के भीतर सत्ता संतुलन में हिस्सेदारी को लेकर लंबे समय से खींचतान चल रही है।
वरिष्ठ नेताओं ने कराया मामला शांत
घटना के तुरंत बाद प्रदेश संगठन के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने स्थिति को संभाला और दोनों नेताओं को अलग-अलग बातचीत कर शांत किया। हालांकि बैठक थोड़ी देर से शुरू हुई, लेकिन बाद में तैयारियों पर चर्चा सामान्य रूप से की गई।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और संगठन महामंत्री ने बाद में स्पष्ट किया कि पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार की अंतर्कलह को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करना अनुचित है। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए कि यदि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई गईं, तो संगठनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
विपक्ष ने साधा निशाना
इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा आंतरिक कलह से जूझ रही है और जनता की समस्याओं से उनका कोई सरोकार नहीं रह गया है।