बीएपी विधायक का प्रकरण सदाचार समिति को भेजा, सदन में सवाल के बदले मांगी थी घूस

विधानसभा की आचार समिति अब यह तय करेगी कि बीएपी विधायक, जिन पर एक प्रश्न के बदले रिश्वत मांगने के आरोप में एसीबी ने मामला दर्ज किया था, अपनी सदस्यता बरकरार रखेंगे या खो देंगे। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मामला आचार समिति को भेज दिया है।
देवनानी ने कहा है कि राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक ने विधानसभा को सूचित किया है कि विधायक पटेल द्वारा विधानसभा में उठाए गए प्रश्न को हटाने की एवज में रिश्वत मांगने की पुष्टि होने के बाद उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (यथा संशोधित 2018) की धारा 7,12 एवं 61 (2), 238 बीएनएस-2023 के तहत 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
देवनानी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित शिकायत की जांच के लिए मामला विधानसभा की आचार समिति को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की प्राथमिकी विधानसभा को भी प्राप्त हो गई है, जिसमें कहा गया है कि रिश्वत की रकम विधायक के आवास पर पाई गई। विधायक के इस कृत्य से विधानसभा की गरिमा पर सवाल उठ खड़े हुए हैं, इसलिए विधानसभा सदस्य पटेल के कथित आचरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों की जांच के लिए मामले को विधानसभा की आचार समिति को भेज दिया गया है। आचार समिति द्वारा मामले पर विचार करने के बाद रिपोर्ट अध्यक्ष देवनानी को सौंपी जाएगी, जिसे उनकी अनुमति से सदन में पेश किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा के किसी भी सदस्य के विरुद्ध सदन के अंदर या बाहर अनैतिक आचरण से संबंधित कोई भी शिकायत विधानसभा या सदन के अध्यक्ष द्वारा जांच के लिए आचार समिति को भेजी जाती है।
कंवरलाल मीना मामले में फैसला जल्द
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि विधानसभा सदस्य कंवरलाल मीना के मामले में महाधिवक्ता एवं वरिष्ठ वकीलों की राय ली जा रही है। इस संबंध में शीघ्र ही नियमानुसार समय-सीमा के भीतर निर्णय लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने मीना को 3 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में स्थगन याचिका दायर की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।