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फर्जी दस्तावेजों के सहारे सरकारी नौकरी, वीडियो में देखें जयपुर में एसओजी ने असिस्टेंट फायर ऑफिसर गिरफ्तार को किया अरेस्ट

फर्जी दस्तावेजों के सहारे सरकारी नौकरी, वीडियो में देखें जयपुर में एसओजी ने असिस्टेंट फायर ऑफिसर गिरफ्तार को किया अरेस्ट

राजस्थान में सरकारी भर्तियों में फर्जीवाड़े का एक और मामला सामने आया है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने गुरुवार देर शाम जयपुर के मालवीय नगर जोन में तैनात एक असिस्टेंट फायर ऑफिसर को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि महिला अधिकारी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गलत तरीके से सरकारी नौकरी हासिल की थी और पिछले तीन वर्षों से इस पद पर कार्यरत थी।

एडीजी एसओजी विशाल बंसल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान सोबिया सैयद के रूप में हुई है। वह वर्ष 2021 में आयोजित फायर भर्ती परीक्षा के जरिए असिस्टेंट फायर ऑफिसर के पद पर चयनित हुई थी। जांच में सामने आया है कि आरोपी ने भर्ती प्रक्रिया के दौरान एक ही शैक्षणिक सत्र में प्राप्त की गई एक से अधिक डिग्री और डिप्लोमा को दस्तावेजों के रूप में प्रस्तुत किया था, जो नियमों के विरुद्ध है।

एसओजी की प्रारंभिक जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि सोबिया सैयद ने जिन दो कॉलेजों से डिग्री और डिप्लोमा हासिल करने का दावा किया है, उनके बीच की दूरी लगभग 900 किलोमीटर है। ऐसे में एक ही समय पर दोनों संस्थानों में पढ़ाई करना और डिग्री हासिल करना संभव नहीं माना जा रहा है। इसी आधार पर एसओजी ने मामले को गंभीर मानते हुए कार्रवाई की।

सूत्रों के अनुसार, फायर भर्ती परीक्षा में पात्रता के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता को पूरा करने के लिए आरोपी ने फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कराए या उनका गलत इस्तेमाल किया। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर उसने चयन प्रक्रिया पूरी की और असिस्टेंट फायर ऑफिसर के पद पर नियुक्ति प्राप्त कर ली। वह पिछले करीब तीन वर्षों से जयपुर के मालवीय नगर जोन में अपनी सेवाएं दे रही थी।

एसओजी टीम को इस फर्जीवाड़े की सूचना मिलने के बाद दस्तावेजों की गहन जांच की गई। जांच में जब डिग्री और डिप्लोमा से संबंधित जानकारियों का मिलान किया गया तो कई गंभीर विसंगतियां सामने आईं। इसके बाद एसओजी ने आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया और पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर उसे गिरफ्तार कर लिया।

फिलहाल एसओजी टीम आरोपी महिला अधिकारी से पूछताछ कर रही है। जांच एजेंसी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने में और कौन-कौन लोग शामिल थे। इसके अलावा यह भी जांच की जा रही है कि क्या आरोपी ने किसी दलाल या गिरोह की मदद से यह फर्जीवाड़ा किया था और क्या इसी तरह के अन्य मामलों में भी उसका कोई संबंध है।

एडीजी विशाल बंसल ने बताया कि सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एसओजी लगातार ऐसे मामलों की जांच कर रही है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने के बाद आरोपी के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी और यदि अन्य लोग भी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा।

इस मामले के सामने आने के बाद एक बार फिर सरकारी भर्तियों की सत्यापन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन अब अन्य भर्तियों में भी दस्तावेजों की दोबारा जांच कराने पर विचार कर सकता है, ताकि इस तरह के फर्जीवाड़ों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।

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