राजस्थान पर्यटन भवन में बन रही खास पेंटिंग बनी आकर्षण का केंद्र, फुटेज में देंखे 24 कैरेट गोल्ड और गंगाजल से सजी है तीज माता की शाही सवारी
राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और परंपरा को दर्शाने वाली एक अनोखी पहल इन दिनों राजधानी जयपुर स्थित राजस्थान पर्यटन भवन में देखने को मिल रही है। यहां की दीवारों पर बन रही विशेष पेंटिंग चर्चा का विषय बनी हुई है। इस पेंटिंग की खास बात यह है कि इसे 24 कैरेट शुद्ध सोने, गंगाजल, और चांदी के वर्क से सजाया गया है।
इस पेंटिंग में खासतौर पर तीज माता की शाही सवारी को केंद्र में रखा गया है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत और आस्था का प्रतीक मानी जाती है। कलाकारों की मानें तो यह पेंटिंग केवल एक सजावटी कला नहीं, बल्कि राजस्थान की लोक परंपरा, देवी श्रद्धा और ऐतिहासिक रीतियों का जीवंत चित्रण है।
क्या है खास:
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पेंटिंग में 24 कैरेट गोल्ड वर्क का प्रयोग किया गया है, जिससे इसकी चमक और भव्यता देखते ही बनती है।
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साथ ही पेंटिंग में प्रयुक्त रंगों को गंगाजल में मिलाकर तैयार किया गया है, जिससे इसे पवित्रता और आध्यात्मिकता से जोड़ा गया है।
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पेंटिंग में चांदी के वर्क से भी सजावट की गई है, जिससे यह और अधिक आकर्षक व ऐतिहासिक नजर आती है।
पर्यटन भवन प्रशासन के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य पर्यटकों और आगंतुकों को राजस्थान की लोक परंपरा, धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक गरिमा से परिचित कराना है। पेंटिंग में तीज माता की झांकी, शाही हाथी, घोड़े, बैंड-बाजे और श्रद्धालुओं की झलक को बेहद सुंदर तरीके से उकेरा गया है।
इस अनूठी कलाकृति को तैयार करने में राजस्थान के स्थानीय पारंपरिक कलाकारों की टीम जुटी हुई है। वे बताते हैं कि यह पेंटिंग पूरी तरह से हाथ से तैयार की जा रही है, और इसमें महीन कारीगरी का विशेष ध्यान रखा गया है।
लोगों की प्रतिक्रिया:
इस पेंटिंग को देखने आए आगंतुकों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसकी भव्यता और सांस्कृतिक गहराई की खूब सराहना की है। कई लोगों ने इसे राजस्थान की विरासत का गौरवशाली प्रतीक बताया है।
राजस्थान सरकार भी इस पहल को राज्य की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने वाला कदम मान रही है। अधिकारियों के अनुसार, आगे चलकर ऐसी ही कलाकृतियों को प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी प्रदर्शित किया जा सकता है।

