जयपुर में कॉलेज छात्र ने 12वीं मंजिल से छलांग लगाकर की आत्महत्या, फुटेज में जानें नकल में पकड़े जाने के बाद था डिप्रेशन में था स्टूडेंट
जयपुर में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक कॉलेज छात्र ने 12वीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि छात्र हाल ही में परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकड़ा गया था, जिसके बाद वह गहरे मानसिक तनाव और डिप्रेशन में चल रहा था। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई।
पुलिस के अनुसार, छात्र आत्महत्या करने के इरादे से कॉलेज से करीब 5 किलोमीटर दूर एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत तक पहुंचा था। इसके लिए उसने रेंट पर स्कूटी ली थी। मौके पर पहुंचने के बाद छात्र ने बिल्डिंग की 12वीं मंजिल पर जाकर अपनी जान दे दी। छलांग लगाने से पहले उसने अपना बैग और मोबाइल फोन इमारत की दीवार पर रख दिया था।
जब छात्र नीचे गिरा तो वह सीधे फर्स्ट फ्लोर के छज्जे से टकराया, जिससे जोरदार धमाके की आवाज आई। उस समय वहां निर्माण कार्य चल रहा था। तेज आवाज सुनकर वहां काम कर रहे मजदूरों और कर्मचारियों को लगा कि कोई मजदूर ऊंचाई से नीचे गिर गया है। इसके बाद लोग तुरंत दौड़कर मौके पर पहुंचे, जहां छात्र गंभीर हालत में पड़ा मिला।
घटना की सूचना मिलते ही बगरू थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तुरंत घायल छात्र को बगरू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया। हालांकि, अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने छात्र को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवाकर परिजनों को सूचना दी।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि छात्र परीक्षा में नकल करते पकड़े जाने के बाद काफी तनाव में था। आशंका जताई जा रही है कि इसी मानसिक दबाव के चलते उसने यह कदम उठाया। पुलिस को छात्र के बैग से जहर भी मिला है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह आत्महत्या को लेकर पहले से मानसिक रूप से तैयार था।
फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। छात्र के मोबाइल फोन और अन्य निजी सामान की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने आत्महत्या से पहले किसी को कोई संदेश या संकेत दिया था या नहीं। पुलिस परिजनों और कॉलेज प्रशासन से भी पूछताछ कर रही है।
यह घटना एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षा का दबाव और असफलता का डर कई बार युवाओं को गलत कदम उठाने के लिए मजबूर कर देता है। ऐसे में समय पर काउंसलिंग और परिवार का सहयोग बेहद जरूरी है।
यदि कोई भी व्यक्ति मानसिक तनाव या अवसाद से जूझ रहा है, तो उसे अकेला न छोड़ें और तुरंत विशेषज्ञ या हेल्पलाइन की मदद लें। समस्या का समाधान आत्महत्या नहीं है, बल्कि सही समय पर मदद लेना ही सबसे बड़ा रास्ता है।

