सोना चांदी ढूंढने सेप्टिक टैंक में उतरे 4 लोगों की मौत, वीडियो में जानें जहरीली गैस से दम घुटा, 2 की हालत गंभीर

राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शहर के एक इलाके में सेप्टिक टैंक से कथित तौर पर सोना-चांदी निकालने के प्रयास में उतरे 4 सफाई कर्मचारियों की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि उनके साथ गए 4 अन्य कर्मचारी भी प्रभावित हुए। इनमें से 2 की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शेष दो को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
यह हादसा रविवार देर शाम उस वक्त हुआ, जब इन कर्मचारियों को एक पुराने सेप्टिक टैंक में कीमती धातु — सोना और चांदी — खोजने के लिए भेजा गया। बताया जा रहा है कि इस इलाके में हाल ही में एक पुराने भवन को तोड़ा गया था, जिसके मालिक ने अफवाह के आधार पर कहा था कि भवन के पुराने नाले और सेप्टिक टैंक में सोने-चांदी के आभूषण गिरे हो सकते हैं। इस सूचना के आधार पर सफाई कर्मचारियों को बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के अंदर भेजा गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, जैसे ही पहले कर्मचारी अंदर गए, कुछ ही मिनटों में उनकी आवाजें आनी बंद हो गईं। इसके बाद एक-एक कर अन्य कर्मचारी भी उन्हें बचाने के लिए टैंक में उतरे, लेकिन दम घुटने और जहरीली गैसों के कारण चार की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी दो को गम्भीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
मौके पर पहुंची पुलिस और नगर निगम की टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और प्रथम दृष्टया मामला लापरवाही का प्रतीत होता है। “बिना किसी सुरक्षात्मक उपकरण और प्रशिक्षण के किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार खतरनाक स्थान में भेजना नियमों का घोर उल्लंघन है,” अधिकारी ने कहा।
वहीं, हादसे की खबर मिलते ही मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुआवजे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। मृतकों की पहचान स्थानीय सफाईकर्मियों के रूप में हुई है, जिनकी उम्र 25 से 45 वर्ष के बीच थी। ये सभी मजदूरी पर काम कर रहे थे और किसी ठेकेदार के माध्यम से बुलाए गए थे।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अब यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर किसने इन कर्मचारियों को अंदर भेजा और क्या यह पूरा काम अधिकृत था या नहीं। साथ ही नगर निगम से भी जवाब तलब किया जा रहा है कि आखिर किन परिस्थितियों में ये कर्मचारी टैंक में उतरे।
यह घटना एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करती है कि क्यों आज भी सफाई कर्मचारियों को असुरक्षित हालात में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। सेप्टिक टैंक की सफाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार की ओर से कई दिशा-निर्देश दिए गए हैं, परंतु जमीनी स्तर पर इनका पालन न होने से आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती हैं।