13 साल के ओजस्व ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रचा इतिहास, वीडियो में देखें जीता रजत पदक

राजस्थान की राजधानी जयपुर के युवा खिलाड़ी ओजस्व गजराज ने खेल जगत में एक बार फिर राज्य का नाम रोशन किया है। उन्होंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में रजत पदक जीतकर प्रदेश को गौरवान्वित किया है। यह प्रतियोगिता बिहार के गया जिले में आयोजित की गई थी, जहां ओजस्व ने दक्षिण भारत के पारंपरिक मार्शल आर्ट ‘कलारीपेयट्टू’ के चुवाडुगल वर्ग में यह शानदार उपलब्धि हासिल की।
ओजस्व की यह उपलब्धि इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि कलारीपेयट्टू पारंपरिक रूप से केरल और दक्षिण भारत का युद्ध कौशल है, जिसमें उत्तर भारत के खिलाड़ियों की भागीदारी अपेक्षाकृत कम देखने को मिलती है। ऐसे में एक जयपुर निवासी युवा का इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना न केवल असाधारण है, बल्कि यह राज्य के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत भी बन गया है।
प्रतियोगिता के दौरान ओजस्व गजराज ने अपने दमदार प्रदर्शन से निर्णायकों और दर्शकों को प्रभावित किया। चुवाडुगल वर्ग, जो कलारीपेयट्टू का एक तकनीकी और शारीरिक संतुलन से भरपूर खंड होता है, उसमें उनकी दक्षता और ऊर्जा साफ़ झलकती थी। उन्होंने शुरुआत से ही आत्मविश्वास के साथ मुकाबले में भाग लिया और फाइनल तक का सफर तय करते हुए रजत पदक अपने नाम किया।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन देशभर के युवा प्रतिभाओं को मंच देने के उद्देश्य से किया जाता है, और इस बार यह आयोजन बिहार के गया में किया गया था। इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में देशभर से हजारों युवा खिलाड़ियों ने भाग लिया। ओजस्व की इस सफलता ने साबित कर दिया है कि मेहनत, लगन और समर्पण के बल पर किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है, चाहे वह क्षेत्र पारंपरिक हो या आधुनिक।
ओजस्व गजराज की इस उपलब्धि पर राजस्थान खेल परिषद, पारंपरिक खेल संघ, और उनके परिजनों ने गर्व जताया है। राज्य के खेल मंत्री ने भी उन्हें बधाई देते हुए कहा कि ओजस्व जैसे खिलाड़ी राज्य के लिए प्रेरणा हैं और सरकार भविष्य में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
इस जीत के बाद ओजस्व ने कहा, “यह मेरे लिए एक सपना सच होने जैसा है। मैं इस पारंपरिक कला में रुचि रखता था और वर्षों से अभ्यास कर रहा था। मुझे खुशी है कि मैंने अपने राज्य के लिए पदक जीता।”
ओजस्व गजराज की यह उपलब्धि राजस्थान में पारंपरिक भारतीय खेलों के प्रचार-प्रसार और युवाओं की भागीदारी को नया आयाम दे सकती है। अब उम्मीद है कि अन्य युवा भी इस पथ पर प्रेरित होकर अपने राज्य और देश का नाम रोशन करेंगे।