Indore चालक का आरोप- कोई स्टाफ नहीं था, इसलिए ऑटो लेकर अंदर तक जाना पड़ा सिविल सर्जन बोले- कर्मचारी ने की मदद

मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क, जिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला ने ऑटो रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया. शिशु और प्रसूता को बचाने के लिए चालक ऑटो रिक्शा को अस्पताल में लैबर रूम तक ले गया.
चालक ने आरोप लगाया कि मरीज को देखने के लिए कोई वार्डबॉय और स्टाफ नहीं था. प्रसूता को तेज दर्द हो रहा था, जिसके कारण उसे अस्पताल में वाहन लेकर प्रवेश करना पड़ा.
दरअसल, ऑटो रिक्शा चालक मदन सोलंकी सुबह दामोदर नगर निवासी मरीज आशा कदम (25) को अस्पताल छोड़ने आया था. प्रसव पीड़ा के चलते वह दर्द से कराह रही थी. अस्पताल में कोई वार्डबॉय नहीं था. स्थिति की गंभीरता के चलते अस्पताल के अंदर वाहन ले गया. इधर,मामले में सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप गोयल का कहना है कि 25 वर्षीय महिला ने अस्पताल पहुंचने में देरी की, बच्चे का सिर बाहर आ गया था. मरीज ने कर्मचारियों की मदद से ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया. समय बचाने के बाद उन्हें लैबर रूम में शिफ्ट किया. फिलहाल मां- बच्चा दोनों सुरक्षित और स्वस्थ हैं. मरीज के परिजन और अस्पताल में किसी तरह की लापरवाही नहीं होने के बारे में लिखित में भी दिया है.
इंदौर न्यूज़ डेस्क !!!