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Indore बैंगन से लखपति बनने वाले किसान की कहानी
 

Indore बैंगन से लखपति बनने वाले किसान की कहानी

मध्य प्रदेश न्यूज़ डेस्क बैंगन भी नकदी फसल है। यह फसल रोग की शुरुआत से बच जाती है। आपको अन्य लोगों के प्रति जो सहायता प्रदान करते हैं, उसमें आपको अधिक भेदभावपूर्ण होना होगा। बैंगन की फसल आठ महीने में तैयार हो जाती है। इस बार बैंगन का भाव 7 से 35 रुपये प्रति किलो था. जबलपुर के एक प्रगतिशील किसान ने 6 एकड़ में बैंगन लगाकर सात माह में तीन लाख रुपए बचाए। किसान अपनी बैंगन की फसल को बीमारियों से कैसे बचाते हैं और इसकी खेती के लिए कब तैयारी करनी चाहिए? भास्कर खेती-किसान सीरीज-37 में आइए जानते हैं विशेषज्ञ अमित दास (प्रगतिशील किसान मुनकवाड़ा) से

राज्य में पहले बारिश, ओलावृष्टि और हिमपात हुआ था। बादल भी हैं। धूप की कमी से कई तरह की बीमारियां होती हैं। ऐसी स्थिति में कीटनाशकों का छिड़काव करें। फल छेदक, पत्ती छेदक, कवक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बाजार से या विशेषज्ञों की सलाह पर कीटाणुनाशक का छिड़काव करें। पत्तों के जलने, सड़ने और गिरने की स्थिति में ऐसे पौधों को हटा दें। बाविस्टिन 50 WP (2 ग्राम/लीटर) का छिड़काव करें।


इंदौर न्यूज़ डेस्क
 

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