Indore चुटकी में करें चुनौतियों को हल, छुट्टियाें में बच्चे् दिनभर घर में ही रहते, ऐसे में मां को ज्यादा काम करना होता

मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क, बच्चों की छुट्टियां होते ही सबसे बड़ा चैलेंज मां के सामने आता है कि आखिर बच्चों की दिनभर की धमाचौकड़ी को कैसे मैनेज करें ताकि घर परिवार की जिम्मेदारी अच्छे से पूरी हो सके और थोड़ा आराम भी मिले. पहले बच्चे स्कूल जाते थे, तो दिन में कुछ राहत मिलती थी लेकिन जब दिनभर बच्चे घर में ही रहेंगे तो उनको पूरे दिन एंगेज रखना और उनकी मांगों को पूरा करना बड़ी चुनौती है. यह चुनौती उनके लिए और ज्यादा है, जो मां कामकाजी हैं. ऐसे में बच्चों को मैनेज करने के लिए कुछ प्रयास किए जाएं तो छुट्टियां का भरपूर आनंद ले सकते हैं.
सुनाएं दादी-नानी जैसी कहानियां
इन छुट्टियों में यदि बच्चे आपके साथ ही हैं तो उन्हें छोटी-छोटी दादी-नानी वाली कहानियां सुना सकते हैं. इन कहानियां के माध्यम से बच्चे एक तो आपके पास बैठेंगे. और आपको भी बच्चों को पूरा समय देने को मिलेगा. इन कहानियां के माध्यम से उन्हें जीवन के सार बताते हुए मोटिवेट कर सकते हैं. वैसे भी आजकल बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा अन्य जानकारी नहीं मिल पाती है. इसका उपयोग करें.
सिखाएं छोटे-छोटे काम भी
एक्टिविटी के साथ बच्चों को छोटे-छोटे काम भी सिखाएं. इनमें बच्चों को बड़ा आनंद आता है जैसे चाय बनाना, शिकंजी बनाना, सेंडविच, खाना व सब्जी बनाना भी हो सकता है. बच्चे छोटे हैं उन्हें अपने पास खड़ा कर सिखाएं, यदि थोड़े बड़े हैं तो यह काम उनसे ही कराएं, लेकिन आप खुद उनके पास खड़े रहिए. यह बच्चों के लिए एक एक्टिविटी होगी. साथ ही बच्चों को इन छोटे-छोटे कार्यों की नॉलेज भी बढ़ेगी. बागवानी भी करवा सकते हैं. इसमें बच्चे कुछ ना कुछ नया ही सीखेंगे.
थोड़ी-थोड़ी पढ़ाई भी करते रहें
माना कि छुट्टियां पूरी तरह से मौज-मस्ती के लिए हैं. लेकिन बच्चों को थोड़ी देर आगामी क्लास की तैयारी भी कराई जा सकती है. हालांकि छुट्टियाें में पढ़ाई व होमवर्क को लेकर कई पैरेंट्स के अलग-अलग विचार होते हैं. यदि आप बच्चों को स्कूली पढ़ाई से बचाना भी चाहते हैं तो उन्हें अच्छी पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.
आउटडोर गेम पर जरूर हो फोकस
छुट्टियों में बच्चे घर और बाहर क्या करेंगे इसकी एक विस्तृत योजना बना लें. बच्चों के साथ मिलकर आप कौन कौनसी एक्टिविटी करेंगे, यह तय कर लें. इनमें ऐसी एक्टिविटी कौनसी हैं जो बच्चे खुद अकेले करेंगे और कौनसी ऐसी है, जिसमें खुद पैरेंट्स शामिल होंगे. पूरी कोशिश हो कि इनमें एक गेम आउटडोर का जरूर हो ताकि एक निश्चित समय तय हो जाए कि एक-दो घंटे बच्चे पार्क व अन्य जगह जरूर खेलेंगे.
हॉलीडे जैसा बना लें घर का शेड्यूल
बच्चे दिन भर क्या करेंगे. बच्चे पहले छह घंटे स्कूल व दो घंटे आने जाने व तैयार होने में लगाते थे. अब कुल आठ घंटे बच्चे को कैसे एंगेज रखेंगे, यह तय कर लें. स्कूल में तय शेड्यूल होता है और घर में बिना तय शेड्यल के दिन निकल जाता है. इसलिए पूरे दिन का शेडॺूल बना लें. शेडयूल परेशानी भरा नहीं हो. बच्चे को ऐसा नहीं लगे कि उसे बांध दिया गया है. शेडयूल मतलब अन्य एन्जॉय एक्टिविटी. खेलकूद व मस्ती हो. हॉलीडे जैसा शेडयूल बनाया जाए.
आप भी ले लीजिए अब कुछ छुट्टियां
कामकाजी महिलाएं बच्चों के साथ फुल एंजॉय करने के लिए अब कुछ दिनों के लिए छुट्टियां ले ही लीजिए. इससे आप भी ऑफिस से रिलेक्स होंगी और बच्चों को भी टाइम दे पाएंगी. बच्चे भी अब आपके साथ फुल मस्ती करेंगे. आप भी अब इस मस्ती का हिस्सा बन जाइए. उनकी हर मस्ती में साथ लें. बच्चों की शरारतों का हिस्सा बनें. उन्हें अपने बचपन के बारे में बता सकती हैं. बच्चे आपकी बातों को बड़े ध्यान से सुनेंगे.
बच्चे् ही नहीं मां के लिए भी छुट्टियां
ये छुट्टियां बच्चों के लिए बल्कि घर में रहने वाली मां के लिए भी होती हैं. वे भी पूरे 10-11 माह तक अपने बच्चों के स्कूल जाने के कारण कोई अन्य एक्टिविटी नहीं कर पाती हैं. वे चाहे तो इसका फायदा उठा सकती हैं. जिस समय बच्चे कोई हॉबी क्लासेज ज्वाइन करें उसी समय अपनी हॉबी अनुसार कोई क्लास ज्वाइन कर सकती हैं. घर में समय मिल रहा है कि एक्सरसाइज, जिम, योग व डाइविंग सीख सकती हैं.
-प्रगति पांडेय, मनोवैज्ञानिक, एनआईएमएचआर, सीहोर, मध्य प्रदेश
इंदौर न्यूज़ डेस्क !!!