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Indore रिटायरमेंट : बनाएं ऐसी दिनचर्या कि दिन भर रहें ऊर्जावान
 

Indore रिटायरमेंट : बनाएं ऐसी दिनचर्या कि दिन भर रहें ऊर्जावान


मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क, सामाजिक मेलजोल लोगों से मिलिए, सामाजिक मेल-जोल बढ़ाइए, सामाजिक समारोह में हिस्सा लीजिए. लोगों के सुख-दुख में भागीदार बनें. रिटायरमेंट के बाद व्यवहार में विनम्रता लाएं. न सोचें कि कौन आपसे बड़ा है या कोई छोटा है. सभी से प्रेमभाव बनाए रखिए. इससे आप अलग-थलग या अकेलापन महसूस नहीं करेंगे.
परिवर्तन स्वीकारें

रिटायरमेंट भी जीवन का एक पड़ाव है. व्यक्ति को यह नहीं समझना चाहिए कि उसके बिना दफ्तर या घर का कोई काम नहीं चलता. आपने अपने सेवाकाल में बहुत ही रचनात्मक कार्य किया हो. लेकिन इस बात की अपेक्षा नहीं रखें कि अब भी सब कार्य आपकी सलाह से किए जाएंगे.
प्रोडक्टिव कार्य में अपना मन लगाएं
रिटायरमेंट के बाद खालीपन लगने लगता है. सर्विस के दौरान तैयार होकर ऑफिस जाना होता है. अब यह समझ नहीं आता है कि वे क्या करें? इस कारण वे अक्सर देर से उठते हैं. दिनभर अखबार पढ़ते या फिर टेलीविजन-मोबाइल देखते हैं. आजकल सोशल मीडिया का भी उपयोग करने लगे हैं. इस कारण उनकी दिनचर्या बिगड़ गई है जबकि उन्हें एक नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए. सुबह घूमने-टहलने जाएं. अपने हम उम्र के लोगों के साथ पार्क में बैठें. समय पर सोएं और पौष्टिक भोजन करें. रोज कोई प्रोडक्टिव कार्य करें.
राजीव एक सरकारी विभाग में उच्च पद पर थे. विभाग में उनकी योग्यता का बड़ा सम्मान था. सभी उनकी कार्य कुशलता के बड़े कायल थे. परंतु जबसे वे सेवानिवृत्त हुए हैं, वे खुद को उपेक्षित महसूस करने लगे हैं. पूरे दिन खाली बैठे रहते हैं. अधिक चिड़चिड़े हो गए हैं. बात-बात में आपा खो बैठते हैं. इन दिनों उनका शारीरिक स्वास्थ्य भी ज्यादा अच्छा नहीं रहता है. देखा जाए तो यह केवल राजीव की ही समस्या नहीं है बल्कि रिटायरमेंट के बाद अधिकतर बुजुर्ग इस तरह की समस्याओं से जूझते नजर आते हैं. इसके लिए जरूरी है कि खुद को व्यस्त रखा जाए. यदि कुछ नए तरह की एक्टिविटी को अपनाकर लाइफ को ऐसे जिएं तो परेशानी की जगह आनंददायक हो सकता है.
मन व तन से रिटायर नहीं हों
आप सर्विस से रिटायर हुए हैं. अपने तन व मन का विशेष ध्यान रखिए. याद रखिए कि शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य से ही आप एक उच्च गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सकते हैं. नियमित रूप से अपना चेकअप कराएं. आवश्यकता पड़ने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें. इसमें बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतें. -डॉ.भरतसिंह शेखावत, विभागाध्यक्ष, मनोचिकित्सा विभाग, मेडिकल कॉलेज, कोटा
सेवानिवृत्ति के बाद की प्लानिंग करें
हर कर्मचारी व अधिकारी का रिटायरमेंट का समय निश्चित होता है. समय रहते ही रिटायरमेंट के बारे में सोचना चाहिए. प्लानिंग होनी चाहिए. ऑफिस में यदि कोई मसला अटका हुआ है तो उसे पद पर रहते हुए ही सुलझा लें. जिससे आपको बार-बार दफ्तर नहीं जाना पड़ेगा. रिटायरमेंट के बाद आप क्या करने वाले हैं इसकी एक विस्तृत योजना भी बना लीजिए.

इंदौर न्यूज़ डेस्क !!!
 

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