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Indore एमजीएम मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों की प्रैक्टिकल परीक्षा नहीं होगी दोबारा, परीक्षकों के खिलाफ होगी कार्रवाई

Indore एमजीएम मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों की प्रैक्टिकल परीक्षा नहीं होगी दोबारा, परीक्षकों के खिलाफ होगी कार्रवाई

इंदौर न्यूज डेस्क।।  एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के 41 फेल छात्रों के मामले में नया मोड़ आ गया है। अब छात्रों को दोबारा परीक्षा नहीं देनी होगी. एमजीएम मेडिकल कॉलेज से भेजा गया संशोधित रिजल्ट ही स्वीकार किया जाएगा। दो दिन में परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार नौ परीक्षक अब दो साल तक परीक्षक नहीं रहेंगे.

इंदौर के मुख्य परीक्षक डाॅ. अरविंद शुक्ला समेत सभी नौ परीक्षार्थियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इधर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन ने कॉलेज के पांच आंतरिक परीक्षकों डॉ. शुक्ला, डॉ. संजय महाजन, डॉ. अविनाश गौतम, डॉ. महेंद्र सोलंकी और डॉ. फरीद खान को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। गौरतलब है कि नईदुनिया ने 9 अप्रैल को एक समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें परीक्षकों द्वारा की गई गड़बड़ियों का खुलासा किया गया था। इस पर संज्ञान लेते हुए जबलपुर यूनिवर्सिटी ने छात्र हित में फैसला लिया।

बोर्ड बैठक में एक दिन पहले लिए गए फैसले को बदल दिया गया
बुधवार को परीक्षा बोर्ड की बैठक में दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया. इसके विरोध में एबीवीपी के साथ छात्रों ने गुरुवार को जबलपुर के मध्य प्रदेश मेडिकल साइंसेज यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया और कहा कि अंक देने में परीक्षकों ने गड़बड़ी की है, इसमें हमारी क्या गलती है. हमारी परीक्षाएं बार-बार क्यों हो रही हैं? इसके बाद गुरुवार को दोबारा बैठक हुई और इस पर चर्चा हुई और फैसला लिया गया कि परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी.

परीक्षा नियंत्रक डॉ. सचिन कुचाय ने कहा कि हमने छात्र हित में फैसला लिया है। दोबारा कोई प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. इस गलती से एमजीएम मेडिकल कॉलेज की छवि खराब हुई है. इसके लिए सभी नौ परीक्षकों को दो साल तक परीक्षा कार्य में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया जायेगा.

मध्यप्रदेश न्यूज डेस्क।। 

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