Indore कर्नाटक बीती बात, घर-घर बिछाओ बिसात चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस

मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क, जाल सभागृह में भाजपा इंदौर महानगर की कार्यसमिति बैठक में कर्नाटक में हार का मलाल दिखाई दिया. वरिष्ठ नेताओं ने कर्नाटक को भूलकर मप्र में होने वाले चुनाव पर ध्यान देने और एक माह तक महाजनसंपर्क अभियान के जरिए घर-घर तक पहुंचने का लक्ष्य दिया. 30 मई से 30 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 9 वर्ष पूरे होने का जश्न भाजपा प्रदेश में मनाएगी. तीन दिन में मंडल कार्यसमिति की बैठकें भी होगी. संभाग प्रभारी राघवेंद्र गौतम, नगर प्रभारी तेज बहादुर सिंह चौहान, कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, आइडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, अजा वित्त विकास निगम अध्यक्ष सावन सोनकर, सांसद शंकर लालवानी, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे मौजूद रहे.
विधानसभा चुनावों में छह माह बाकी है. कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इंदौर की ज्यादा से ज्यादा विधानसभा सीटों को जीतने के लिए रणनीति बनाई है. कांग्रेस हर विधानसभा में अलग कैंपेन के साथ उतरेगी. उस विधानसभा के स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी.
मालवा-निमाड अंचल की 70 से ज्यादा विधानसभा सीटों को इंदौर प्रभावित करता है. इसलिए प्रदेश कांग्रेस के साथ ही दिल्ली से भी हर विधानसभा सीटों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. इसमें कांग्रेस के वर्तमान विधायकों के परफॉर्मेंस के बारे में जनता से सीधी चर्चा की जा रही है. साथ ही विधानसभा में दावेदारी करने वालों की स्थिति उनकी जनता में स्वीकार्यता की भी जानकारी ली जा रही है. सभी 9 विधानसभा सीटों के समीकरणों की जानकारी जुटाई जा रही है. एक-एक विधानसभा के जातिगत समीकरणों के साथ उनका कितना प्रभाव रहेगा इसकी जानकारी ली जा रही है. भाजपा से संभावित उम्मीदवारों और चुनावी मैदान में उतरने के समीकरण का आंकलन कर एक-एक विधानसभा के लिए पांच-पांच प्लान तैयार कर रहे हैं. प्रत्याशी के चयन से लेकर कैंपेनिंग भी तैयार की जा रही है.
‘योग्य’ को ही टिकट
बैठक में वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे ने कहा कि सिंधिया समर्थकों के कारण नाराजगी है, ऐसा मैं नहीं मानता. स्वाभाविक है कि 20-22 लोग उनके साथ में आए. उन्हें पार्टी ने टिकट दिया और वे चुनाव जीतकर आए. पुराने दावेदारों को लगता है कि अब उनका भविष्य नहीं है, लेकिन अब पार्टी यह देखेगी कि वहां से जीताऊ उम्मीदवार कौन है.
मिस्ड कॉल से समर्थन
इस अभियान से आगामी चुनाव का शंखनाद होगा. राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश, जिला और मंडल स्तर तक समितियों का गठन होगा. लोगों से संपर्क और मिस्ड कॉल कराकर समर्थन मांगेंगे. विशिष्ट परिवारों से संपर्क, पत्रकारवार्ता, इनफ्लूएंजर्स, व्यापारियों के साथ बैठक, तीर्थों का भ्रमण, लाभार्थी सम्मेलन जैसे आयोजन होंगे.
जमीनी कार्यकर्ता को भूले, नाराज नेता भी गायब
कार्यसमिति बैठक में महानगर के नेतृत्व की कमियां दिखाई दी. भाजपा के कई पुराने और जमीनी सदस्य बैठक से दूर रहे. पिछले दिनों पार्टी के खिलाफ ही मुखर हुए वरिष्ठ नेता व कवि पं. सत्यनारायण सत्तन और भंवरसिंह शेखावत भी बैठक में नजर नहीं आए.
इंदौर न्यूज़ डेस्क !!!