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Indore में 15लाख की मशीन के लिए दान का इंतजार
 

Indore में 15लाख की मशीन के लिए दान का इंतजार

मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क,  एमवायएच कहने को प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। लेकिन यहां व्यवस्थाओं का आलम यह है कि न्यूरोसर्जरी विभाग में स्पाइन संबंधी ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। इसकी वजह यह है कि सी-आर्म मशीन खराब है। हर 15 दिन में पत्र लिखा जा रहा है। यह स्थिति बीते 8 माह से बनी हुई है। मशीन खरीदने के बजाय दान के लिए संस्थाओं को ढूंढा जा रहा है।

ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों से सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल भेजा जा रहा है। अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग द्वारा एमवायएच अधीक्षक को कई बार शिकायत की गई। वहां से भी एक जवाबी पत्र मिल जाता है, जिसमें यह बता दिया जाता है कि मेडिकल कॉलेज डीन कार्यालय को पत्र लिख दिया गया है।

यहां पत्राचार बीते छह महीने से चल रहा है, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हुआ है। मरीजों को यह कहकर सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल रैफर करने के लिए कह दिया जाता है कि वह भी एमजीएम मेडिकल कॉलेज का हिस्सा है, जबकि वास्तविकता यह है कि एमवायएच में इलाज के लिए मरीजों को शुल्क नहीं देना पड़ता है, जबकि सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में मरीजों का सशुल्क इलाज किया जाता है।

हर मरीज को रैफर किया जा रहा

न्यूरोसर्जरी विभाग द्वारा मरीजों को रैफर कर दिया जाता है। लेकिन इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं है कि कितने मरीज वहां पहुंच रहे हैं। एमवायएच में 60 बेड हैं जबकि वहां 25 बेड हैं। सवाल यह उठता है कि खुद के अस्पताल में आखिरकार सरकार व्यवस्था क्यों नहीं कर पा रही है। हड्डी रोग विभाग में भी यही परेशानी थी, तब स्वयंसेवी संस्था से मशीन दान में ली गई। अधीक्षक हर हफ्ते पत्र लिख रहे हैं, जिसमें यह कहा जा रहा है कि डीन कार्यालय को सूचित कर दिया है। मशीन सुधारने वाली कंपनी पर डीन को जुर्माना करना चाहिए।


इंदौर न्यूज़ डेस्क !!!
 

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