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Indore स्कूल बस हादसे के बाद कलेक्टर का बड़ा फैसला
 

Indore स्कूल बस हादसे के बाद कलेक्टर का बड़ा फैसला

मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क,  शहर में सोमवार को हुई स्कूल बस दुर्घटना के बाद जिला प्रशासन ने फैसला लिया है कि जिले के स्कूलों में बच्चों को लाने-ले जाने में लगे वाहनों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। ऐसे वाहन जो स्कूल में अटैच नहीं हैं, परंतु बच्चों के स्कूल में अटैच हैं, उनकी अलग से सूची बनाई जाए। कलेक्टर ने बताया कि स्कूलों के मामले में हमें सजग रहना है।

आरटीओ से कहा गया है कि प्रत्येक सप्ताह की टीएल बैठक में उन्हें बताना होगा कि कितनी बसों की जांच हुई। कितने निरीक्षण हुए, उसमें क्या मिला। यह भी देखने में आया कि जो बसें या वाहन स्कूलों से अनुबंधित नहीं होते, वे बाहर छोड़कर चले जाते हैं। ऐसे में पालकों से कहूंगा कि ऐसे वाहनों की हालत देख लें, चलाने वाला ठीक है या नहीं? स्कूलों से भी ऐसे वाहनों का डेटा बेस बनाया जाएगा।

सोमवार को प्रशासनिक संकुल में हुई टीएल (समय-सीमा) बैठक में इस संबंध में चर्चा हुई। यह भी तय हुआ कि शहर को 15 फरवरी तक बाल भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के लिए चल रहे अभियान को गति दी जाएगी। अभियान को गति देने के लिए सभी एडीएम और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी भी जुड़ेगे। इस अभियान में सभी चौराहों और मंदिरों को बाल भिक्षुकों से मुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है। भिक्षावृत्ति से मुक्त कराए जा रहे बच्चों के शिक्षण और पुनर्वास पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

जिले में सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी। कलेक्टर सिंह की अध्यक्षता में हुई टीएल बैठक में जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर गौरव बेनल, सपना लौवंशी, रोशन राय, राजेंद्र रघुवंशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।


इंदौर न्यूज़ डेस्क !!!
 

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