Hisar मीरपुर गांव में पेयजल संकट गहराया, ग्रामीण बोले- समाधान करो नहीं तो होगा चुनावों का बॉयकाट
हिसार न्यूज डेस्क।। प्रखंड का मीरपुर गांव पहला निर्मल गांव बना. प्रखंड कार्यालय से करीब तीन किलोमीटर दूर मीरपुर गांव की आबादी करीब 2200 है, लेकिन इस गांव की सबसे बड़ी और मुख्य समस्या पीने के पानी की है. गुरुवार को मीरपुर गांव के शिव मंदिर पार्क में एक पेड़ के नीचे ग्रामीण बैठकर चुनाव पर चर्चा कर रहे थे. ग्रामीणों ने बताया कि वे कई वर्षों से पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन किसी ने समाधान नहीं कराया. हम उसी को वोट देंगे जो समस्या का समाधान कर सके. पानी की समस्या के कारण उनके बच्चे रिश्ते तक नहीं बना पाते.
गांव के पूर्व सरपंच चंद्रभान, प्रताप जांगड़ा, हजारीलाल, माई राम, सतबीर सिंह, चिमन लाल, सुल्तान सिंह का कहना है कि हमारा गांव कभी स्वच्छ गांव हुआ करता था, लेकिन आज भी ग्रामीण यहां लगे ट्यूबवेलों का खारा पानी पीने को मजबूर हैं। . अग्रोहा जलघर में। महिलाएं गांव के बाहर बने शिव मंदिर और गौशाला से सिर पर जल लेकर आती हैं।
ग्रामीणों को महंगे दाम से पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है या फिर गांव से बाहर नलकूपों से पानी लाना पड़ता है। ग्रामीणों की मांग है कि कर्मचारियों की यहां से ट्रांसफर की जाए, गांव के दूसरी ओर नया टैंक बनाकर पास के गांव संदोल से गुजर रही पाबड़ा माईनर नहर से पानी मंगवाया जाए और गांव में वर्षों पुरानी पाइप लाइन की जगह नई पाइप लाइन बिछाई जाए। अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच बात सिरे नहीं चढ़ी तो महिलाओं ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया और भूख हड़ताल की चेतावनी दी। अधिकारियों द्वारा उनकी मांग जल्द ही पूरी करने का आश्वासन देने पर ग्रामीणों ने धरना खत्म किया और ताला खोल दिया।
हरियाणा न्यूज डेस्क।।

