'किसानों के लिए बातचीत के दरवाजे खुले', हनुमानगढ़ हिंसा पर बोले मंत्री सुमित गोदारा
हनुमानगढ़ के टिब्बी में एक इथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का बड़ा विरोध बुधवार देर शाम हिंसक हो गया। राठीखेड़ा गांव में बन रही इथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ किसानों की महापंचायत के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी फैक्ट्री परिसर में घुस गए। प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों से फैक्ट्री की बाउंड्री वॉल तोड़ दी, जमकर तोड़फोड़ की और कई गाड़ियों में आग लगा दी। हंगामे पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मंत्री सुमित गोदरा ने पूरे विरोध को कांग्रेस स्पॉन्सर्ड बताया और पिछली गहलोत सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
आप प्रोजेक्ट लाए, विरोध क्यों?
मंत्री सुमित गोदरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि टिब्बी में इथेनॉल फैक्ट्री की घोषणा तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2022 में की थी, और इस जमीन का इंडस्ट्रियल कन्वर्जन भी उनके कार्यकाल में हुआ था। उन्होंने इस मामले पर सीधे कांग्रेस नेताओं से सवाल करते हुए पूछा, "जब MoU तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर साइन किया गया था, और कांग्रेस पार्टी उस समय इसे किसानों के लिए फायदेमंद बता रही थी, तो आज उनकी पार्टी के नेता इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?" अशोक गहलोत और गोविंद डोटासरा से मेरा सवाल: क्या आपका प्रोजेक्ट सही नहीं था?
पानी और प्रदूषण को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है
किसानों को गुमराह करने के आरोपों पर गोदारा ने कहा कि कुछ नेता पानी के प्रदूषण को लेकर अफवाह फैला रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस सरकार के दौरान साइन किए गए MoU में ETP (इथेनॉल ट्रीटमेंट प्लांट) लगाने का जिक्र है। उन्होंने आगे कहा कि इससे न तो पानी का बहुत ज़्यादा दोहन होगा और न ही पानी प्रदूषित होगा। गोदारा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उससे जुड़े संगठनों के कुछ नेता इस मुद्दे पर किसानों को गुमराह कर रहे हैं।
बाहरी तत्वों ने माहौल खराब किया: गोदारा
हनुमानगढ़ में कल (बुधवार) हुई हिंसक घटना के बारे में मंत्री गोदारा ने कहा कि फैक्ट्री पर असामाजिक तत्वों ने हमला किया। उन्होंने दावा किया कि इस घटना में राजस्थान के बाहर के लोग शामिल थे, जिन्होंने माहौल खराब करने का काम किया। गोदारा ने साफ चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार हालात बिगड़ने नहीं देगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि स्थानीय किसानों को फैक्ट्री से कोई एतराज नहीं है, लेकिन कंपनी स्थानीय लोगों को रोजगार देगी। प्रशासन अभी भी किसानों से बातचीत कर रहा है। सरकार बातचीत के लिए तैयार है।

