
हरियाणा न्यूज़ डेस्क, नगर निगम ने अपना बकाया संपत्तिकर वसूल करने के लिए अब सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. निगमायुक्त पीसी मीणा ने संपत्तिकर विंग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि संपत्तिकर के एक लाख रुपये और इससे ऊपर के बकायेदारों की एक सूची तैयार करके उन्हें नोटिस जारी किया जाए. नोटिस के बाद भी कर जमा न करने वालों की संपत्ति सील कर नीलामी की कार्रवाई शुरू करवाएं.
इन बकायेदारों में रिहायशी, औद्योगिक, वाणिज्यिक और संस्थागत श्रेणियों के डिफॉल्टरों को शामिल करें. उन्होंनें संपत्तिकर की वसूली के लिए आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों के साथ तालमेल करके उनके क्षेत्रों में शिविर भी लगाने के निर्देश दिए.
संपत्तिकर सर्वे की समीक्षा के दौरान निगमायुक्त ने कहा कि जिन संपत्तियों के उपयोग की स्थिति में बदलाव किया गया है, उनका दोबारा से सत्यापन करवाया जाए. उदाहरण के तौर पर जो संपत्तियां पहले वाणिज्यिक श्रेणी में थी, लेकिन अब उनमें बदलाव करके उन्हें रिहायशी दिखाया गया है या वाणिज्यिक से औद्योगिक श्रेणी में बदलाव किया गया है, उन सभी की दोबारा जांच करवाएं. 31 मार्च तक नागरिक सुविधा केंद्र सप्ताह के सातों दिन खुले रहेंगे.
राजस्व बढ़ोतरी पर ध्यान देने के निर्देश
बैठक में वित्त वर्ष 2023-24 के बजट पर भी चर्चा के दौरान निगमायुक्त ने कहा कि बजट में राजस्व बढ़ोतरी पर विशेष ध्यान दिया जाए. इसके अलावा, वाटर मीटर, विज्ञापन सहित अन्य मुद्दों पर भी निगमायुक्त द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए. बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त अमरदीप, एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर रोहताश बिश्नोई व अन्य मौजूद रहे.
हरियाणा नगर निगम अधिनियम-1994 के तहत नगर निगम की सीमा में स्थित सभी प्रकार की संपत्ति के लिए प्रत्येक वर्ष प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य है. डिफॉल्टर होने की सूरत में संपत्ति को सील करके नीलामी की कार्रवाई की जा सकती है.
-पीसी मीणा, आयुक्त नगर निगम
गुडगाँव न्यूज़ डेस्क !!!