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Gurgaon लॉजिस्टिक उद्योग का बड़ा हब बनेगा गौतम बुद्ध नगर टप्पल में 205 हेक्टेयर में विकसित होगा पार्क
 

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हरियाणा न्यूज़ डेस्क, गौतम बुद्ध नगर लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग उद्योग का बड़ा हब बनेगा. सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी इस उद्योग के निवेशकों का ध्यान खींच रही हैं. डीएमआईसी परियोजना में और यमुना प्राधिकरण यहां मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित कर रहे हैं. दादरी-बुलंदशहर के गांवों को मिलाकर विकसित होने वाला नया नोएडा भी इस उद्योग के लिए बेहतर साबित होगा. इससे यहां ना केवल निवेश आएगा बल्कि लाखों युवाओं को रोजागर के अवसर भी मुहैया कराएगा. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ा हुआ है. अब जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है. एक्सप्रेसवे का जाल भी इस जिले में फैला हुआ है. इस क्षेत्र से दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग गुजरने के चलते यहां पहले से ही लॉजिस्टिक उद्योग चल रहा है. अब इस उद्योग का विस्तार हो रहा है. डीएफसीसी परियोजना के तहत यहां केंद्र सरकार की एजेंसी नेशनल इंडिस्ट्रयल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इंप्लीमेंटेशन ट्रस्ट(एनआईसीडीआईटी) एवं इंटीग्रेटड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल) मिलकर यहां पर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित कर रही हैं.
पीपीपी मॉडल पर विकसित होने वाली यह परियोजना 823 एकड़ विकसित होगी. इस पर करीब 7034 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है. लॉजिस्टिक हब में सामान उतारने और चढ़ाने के लिए इंतजाम होंगे. कोल्ड चेन, पैकेजिंग का काम आदि के लिए प्लटेफार्म बनाए जाएंगे.

देसी-विदेशी कंपनियां निवेश को तैयार
विदेशी कंपनियां भी यहां निवेश के लिए तैयार हैं. टप्पल में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने के लिए दो बड़ी कंपनियां आगे आई हैं. इसमें मित्सुई और सिफी शामिल हैं. कजाकिस्तान की कंपनी एएल-स्टाइल समूह लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने की इच्छा जताई है.
यमुना प्राधिकरण टप्पल में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित करेगा. तीन चरणों में बनने वाली इस परियोजना का पहला चरण 205 हेक्टेयर में मूर्त रूप लेगा. इसमें से 10 हेक्टेयर व्यावसायिक, 12 हेक्टेयर में संस्थागत और 24 हेक्टेयर आवासीय भू उपयोग होगा. यह पूरी परियोजना 700 हेक्टेयर से अधिक में विकसित होगी. पीपीपी मॉडल पर विकसित होने वाली इस परियोजना के लिए टेंडर निकाल दिए गए हैं. साथ ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. इस परियोजना में 3500 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. वहीं लॉजिस्टिक हब की संभावना को देख यमुना प्राधिकरण ने अपना दायरा बढ़ा दिया है. बुलंदशहर जिले के 55 गांव अपने इलाके में शामिल कर लिए.

गुडगाँव न्यूज़ डेस्क !!!
 

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