
हरियाणा न्यूज़ डेस्क, अंबाला में रोडवेज चालक की हत्या के विरोध में गुरुग्राम डिपो में भी चक्का जाम रहा. चालक-परिचालक डिपो के अंदर दरी डालकर हड़ताल पर बैठ गए. बसों का चक्का जाम होने के कारण यात्री दिनभर भटकते रहे. उन्हें चंडीगढ़, पानीपत समेत अन्य स्थानों पर जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. निजी बसों और दिल्ली डिपो की बसों का संचालन हुआ है. वहीं भैया-दूज होने के चलते यात्रियों को अधिक परेशानी झेलनी पड़ी. जिन्हें हड़ताल को लेकर कोई जानकारी नहीं थी. यात्री सरकार को कोसते नजर आए.
झज्जर, रेवाड़ी समेत अन्य लोकल रूटों पर जैसे भी तरीके से यात्री अपने गंतव्य तक जाने को मजबूर हो गए, लेकिन लंबे रूटों पर यात्रियों को एक भी बस नहीं मिलने से अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ा. गुरुग्राम डिपो से आगरा, मथुरा, लखनऊ, अलीगढ़, जयपुर, दिल्ली, चंडीगढ़, और हिसार तक यात्री नहीं जा सके. डिपो से प्रतिदिन 51 रूटों पर 0 बसें संचालित होती है. इससे 80 हजार से अधिक यात्री अपने गंतव्य तक यात्रा करते हैं, लेकिन हड़ताल के कारण यह यात्रा नहीं कर पाए.
रोडवेज को लाखों का नुकसान इस कारण रोडवेज को भी लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. रोडवेज के अधिकारियों का दावा था कि 0 में से 23 बसों का संचालन किया गया. इसमें आगरा, मथुरा, लखनऊ, अलीगढ़, जयपुर, चंडीगढ़ बसें भेजी गई. जबकि 56 बसें यह वह रही, जो रात्रिकालीन ठहराव पर विभिन्न स्थानों पर गई थी. इसके साथ ही पानीपत, जींद, हिसार, रोहतक समेत अन्य रूटो पर जाने वाली बसों का संचालन नहीं हुआ.
नहीं जा रहे पाए घर करनाल के रहने वाले प्रवीण ने कहा कि भाई-दूज के पर्व को लेकर अपनी बहन के घर ही आया था. अब अपने घर करनाल में वापस जाना था, लेकिन बस का संचालन न होने के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ा. हड़ताल के कारण यात्रियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए सरकार को बीच का रास्ता निकालना चाहिए था. संतरा देवी ने कहा कि वह किसी रिश्तेदार से मिलने के लिए आई थी. उसने अपने घर जींद में वापस जाना था, लेकिन रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के कारण करीब चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा. इसके बाद एक निजी वाहन के माध्यम से जींद के लिए रवाना होना पड़ा.
झज्जर, रेवाड़ी समेत अन्यलोकल रूटों पर एक भी बस नहीं मिलने से अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ा. जैसे तैसे यात्रियों को अपने गंतव्य की ओर जाने को मजबूर होना पड़ा.
गुडगाँव न्यूज़ डेस्क !!!