उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क 12वें पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला व खेल महोत्सव का आगाज हो चुका है। लोगों ने हाथों में मशाल थामे क्रांतिकारी तिरंगा मार्च किया जो देश के अमर बलिदानियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा भारत की सीमाओं की सुरक्षा करते वीरगति को प्राप्त सैनिकों की शौर्यता को समर्पित रहा।
गुरुकृपा संस्थान एवं अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष बृजेश राम त्रिपाठी की देखरेख में बड़ी संख्या में लोग हरिओम नगर तिराहे पर इकट्ठा हुए। लोगों ने पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की मूर्ति की साफ-सफाई की और फिर तिलक लगाया। इसके बाद यहां से निकला मशाल जुलूस इंदिरा बाल विहार, चेतना तिराहा, कचहरी चौराहा, गणेश चौक होते पटेल चौक निकट काली मंदिर गोलघर पर पहुंचा। यहां स्थित सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा की लोगों ने साफ-सफाई की और तिलक लगाया। मशाल जुलूस के दौरान हाथों में मशाल लिए लोग भारत माता की जय, वंदेमातरम, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, रोशन सिंह, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस सरीखे अमर बलिदानियों की गगनभेदी जयकारे लगाते चल रहे थे।
पटेल चौक पर सभा हुई जिसे गुरु कृपा संस्थान के अध्यक्ष बृजेश राम त्रिपाठी ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि देश को आजाद दिलाने में भारत की माटी में पैदा हुए वीर सपूतों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उनके बलिदान का ही परिणाम है कि हम सब आज स्वाधीन भारत के नागरिक हैं।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत से देश को आजाद कराने के लिए पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, सरदार भगत सिंह, अशफाकउल्ला खां, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, रोशन सिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे देया के वीर सपूतों ने तमाम यातनाएं झेली। उनकी कुर्बानियों को यह देश कभी भुला नहीं पाएगा।
गोरखपुर न्यूज़ डेस्क