![Bhopal प्रदेश में अब डिजिटल एथिक्स कोर्स: कॉलेज विद्यार्थी भी पढ़ेंगे धर्म, शांति और सेवा का पाठ](https://samacharnama.com/static/c1e/client/79965/uploaded/23ed9ab7ad8d96bbf801fb5088460415.webp?width=730&height=480&resizemode=4)
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जिले के मान्यता प्राप्त 146 से अधिक मदरसों के छात्र एआई निर्मित वीडियो के माध्यम आधुनिक तकनीक की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे. इसके लिए जिला अल्पसंख्यक विभाग ने दो घंटे की अवधि के 22 से अधिक वीडियो तैयार किए हैं. विभाग जल्द ही सभी मदरसों को जल्द ही सभी वीडियो उपलब्ध कराएगा.
मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को आधुनिक तकनीक के प्रति रूझान पैदा करने के लिए जिला अल्पसंख्यक विभाग एआई निर्मित वीडियो का सहारा ले रहा है. विभाग ने मदरसे के छात्रों के लिए आई तकनीक से दो घंटे की अवधि के 22 से अधिक वीडियो तैयार कराए हैं. सभी वीडियों को धर्म, दर्शन, विज्ञान, कला, साहित्य, संविधान,भूगोल, गणित, जीव विज्ञान, लेखाशास्त्रत्त्, पर्यावरण संरक्षण समेत दूसरी प्रमुख विषयों की मूलभूत जानकारी के आधार पर तैयार किया गया. सभी वीडियो को लैपटॉप व कंप्यूटर के माध्यम से मदरसे के छात्रों को दिखाया जाएगा. किसी भी विषय में कोई शंका पैदा होने पर छात्र उस संबंध में प्रश्न भी पूछ हो सकेंगे. आई निर्मित होने के चलते सॉफ्टवेयर छात्रों की शंका समाधान भी कर सकेगा. विभाग के अधिकारियों का कहना है अधिकतर मदरसों में छात्रों व शिक्षकों को तकनीकी शिक्षा के प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके अलावा कुछ प्रमुख स्थान पर वीडियो के माध्यम से शिक्षण शुरू हो भी चुका है. आई आधारित तकनीक से जुड़ने से मदरसों के धार्मिक शिक्षा के अलावा दूसरे महत्वपूर्ण विषय भी पढ़ सकेंगे.
क्या होता है एआई
एआई यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर सॉफ्टवेयर आधारित आधुनिक तकनीक है. जिसमें कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में खुद से सोचने समझने और सीखने की क्षमता होती है. इस प्रकार के सॉफ्टवेयर अपनी बौद्धिकता के बल पर पूछे गए किसी भी प्रकार के प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं.एआई एल्गोरदिम किसी भी समस्या के संबंध में समाधान उपलब्ध करा सकती है. वर्तमान समय में एआई तकनीक का इस्तेमाल शिक्षा व स्वास्थ्य से लेकर मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में किया जा रहा है. हाल के दिनों में मोबाइल और लैपटॉप सॉफ्टवेयर के माध्यम एआई तकनीक आम जीवन का हिस्सा बन रही है. सुविधा से लैस मोबाइल व लैपटॉप भी आम जीवन का हिस्सा बन रहे हैं.
एआई के बारे में जानकारी देने के लिए मदरसों के स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कुछ स्थान पर शिक्षा का कार्य शुरू भी हो चुका है. तकनीक से जुड़ने से छात्रों को लाभ होगा. -पीयूष श्रीवास्तव, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी
गोरखपुर न्यूज़ डेस्क