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Gorakhpur शटर-एंटीना से ओलेड तक सफर में बुद्धू बॉक्स हो गया स्मार्ट

Gorakhpur शटर-एंटीना से ओलेड तक सफर में बुद्धू बॉक्स हो गया स्मार्ट

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   दूरदर्शन के आधिपत्य के दौर में टेलीविजन को बुद्धू-बॉक्स कहा जाता था. तब चुनिंदा कार्यक्रमों के बीच तमाम बंदिशें थीं. लेकिन तकनीक के दौर में बुद्धू-बॉक्स स्मार्ट हो गया है. शटर-एंटीना वाले टेलीविजन से शुरू हुआ सफर रंगीन, एलईडी, स्मार्ट टीवी, गूगल टीवी से आगे बढ़ते हुए ओलेड के सफर तक जा पहुंचा है. अब लोग मोबाइल की तरह टीवी भी बदल रहे हैं.

अस्सी के दशक में श्वेत-श्याम से टेलीविजन का सफर शुरू हुआ था. टीवी और फिल्म कलाकार अशोक महर्षि बताते हैं कि ‘1982 के एशियन गेम्स से टीवी का बढ़ा चलन 1983 के क्रिकेट विश्व कप तक रफ्तार पकड़ चुका था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनकी शव यात्रा को लाइव देखने के लिए गोरखपुर में रिकॉर्ड टीवी की बिक्री हुई.’ गोरखपुर दूरदर्शन की स्थापना से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं कि ‘1980 में गोरखपुर में टेलीविजन घरों में पहुंचने लगा था. 3 अगस्त, 1984 में गोरखपुर में ट्रांसमीटर लगा और 14 नवम्बर, 1984 को पहला कार्यक्रम गोरखपुर के रीजनल स्टूडियो से ऑन एयर हुआ. बिछिया रेलवे कालोनी निवासी मोहित श्रीवास्तव को याद बताते हैं कि ‘1983 का वर्ल्ड कप ब्लैक एंड व्हाइट टीवी पर देखा था. करीब 25 मीटर ऊंचे एंटीना में साफ तस्वीर के लिए बूस्टर लगा हुआ था. नेपाल टेलीविजन तब हिन्दी फिल्में दिखाता था, जिसका जबरदस्त क्रेज था.’

वहीं रंगमंच कलाकार अशोक महर्षि बताते हैं कि ‘वर्ष 1985 में गोरखपुर दूरदर्शन से दुनिया का पहला भोजपुरी हास्य धारावाहिक ‘मनबढ़’ शुरू हुआ. रमेश शुक्ला निर्देशित इस धारावाहिक का रामायण और महाभारत जैसा ही क्रेज था.’ साहित्यकार रवीन्द्र श्रीवास्तव उर्फ जुगानी का कहना है कि अस्सी के दशक में सभी लोग एक साथ रामायण व महाभारत धारावाहिक देखते थे.

3500 की शटर टीवी से 4 लाख की ओलेड

लोकगायक राकेश श्रीवास्तव बताते हैं कि 1984 में 3500 रुपये में ब्लैक एंड व्हाइट टीवी खरीद कर आई थी. मोहल्ले के 60 से 70 लोग जुटे थे. लेकिन पहले दिन कार्यक्रम नहीं चल सका. इसके बाद नब्बे के दशक में रंगीन टीवी आई. तृतीय श्रेणी के रेल कर्मचारी के चार गुना वेतन में एक रंगीन टीवी आती थी. वहीं ओमेगा इलेक्ट्रिकल्स के निखिल अरोड़ा का कहना है कि अब सबसे महंगी टीवी 3.50 से 4 लाख रुपये में ओलेड तकनीक वाली आ रही है. इसकी पिक्चर क्वालिटी सिनेमा हाल का अहसास कराती है. वर्तमान में गोरखपुर में टेलीविजन का कारोबार 100 करोड़ रुपये के आसपास है.

 

 

गोरखपुर न्यूज़ डेस्क

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