
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम फाइलेरिया यानी हाथीपांव के इलाज की ट्रेनिंग मरीजों को दे रही है. इसके लिए मरीजों को रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता निवारण (एमएमडीपी) किट दिया जा रहा है. टीम मरीजों को फाइलेरिया से प्रभावित अंगों की साफ-सफाई का तरीका बता रही है. जिले में जनवरी से अब तक 700 से अधिक मरीजों को एमएमडीपी किट दी जा चुकी है. यह किट 14 ब्लॉक, शहरी क्षेत्र और फाइलेरिया यूनिट पर कार्यक्रम का आयोजन कर दी गई.
सहायक मलेरिया अधिकारी चंद्रप्रकाश मिश्र ने बताया कि मरीजों को बताया जाता है कि हाथीपांव के मरीज को सबसे पहले प्रभावित अंग को टब में रखना है और फिर मग से धीरे धीरे पानी प्रभावित अंग पर डालना चाहिए. फिर साफ कॉटन से हल्के हाथ से बिना रगड़े अंग को साफ करना है. अगर प्रभावित अंग कहीं कटा पिटा है तो वहां क्रीम लगाना है. नियमित एड़ियों के सहारे खड़ा होकर व्यायाम करने की सलाह दी जाती है. उन्हें बताया प्रभावित पैर को ज्यादा देर तक लटका कर रखने से बचें. बेड पर सोते समय पैर की तरफ दो तकिया लगा लें या बेड के नीचे पैर की तरफ ईंट रखकर उसे ऊंचा कर लें.
1500 लोगों को किया गया जागरूक
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि अब तक करीब 1500 लोगों को इस बीमारी से बचाव और प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जा चुका है, जिनमें मुख्यतया फाइलेरिया मरीज और उनके संरक्षक शामिल हैं. जिले में हाथीपांव के 1983 मरीज हैं. इस साल ब्रह्मपुर, सरदारनगर, भटहट, डेरवा, पाली, सहजनवां, पिपरौली, खोराबार, कैम्पियरगंज, पिपराईच, उरूवा, गोला, कौड़ीराम, शहरी क्षेत्र और फाइलेरिया यूनिट से किट वितरित की गई है. चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी किट का वितरण किया गया.
गोरखपुर न्यूज़ डेस्क