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Gorakhpur जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों की होगी गिरफ्तारी

Nainital दिल्ली, भोपाल के कई रसूखदार जांच के घेरे में

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  पुलिस हिरासत में युवक की मौत के बाद से  गोला कस्बे का माहौल बदला रहा. सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल तैनात किया था. गोला कस्बा दिनभर छावनी बना रहा.

पोस्टमार्टम के बाद दीपक का शव घर पहुंचा तो चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात कर दी गई. गोला कस्बा और आसपास गांवों में दिनभर इसकी घटना की चर्चा रही. लोगों की जुबान पर यह सवाल भी रहा कि किस दबाव में एसओ ने तत्काल गिरफ्तारी पर जोर दिया. मृतक के बड़े भाई विनोद ने कस्बे के एक नेता पर इस मामले में गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना था कि उसी की शह पर एसओ गोला तत्काल झूठे मामले पर गांव में गिरफ्तारी के लिए पहुंच गए. रास्ते में दीपक को उल्टी होने पर उन्होंने दवा न कराकर थाने लेकर चले गए.

गोला थाना क्षेत्र के बाढ़ा बुजुर्ग निवासी विनय कुमार पांडेय उर्फ दीपक के शव का पोस्टमार्टम रात में ही करा दिया गया. इसके बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया. डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी कराते हुए पोस्टमार्टम किया. मौत की वजह स्पष्ट नहीं होने पर बिसरा सुरक्षित करके जांच के लिए भेजा गया. उधर, केस दर्ज होने के बाद गोला थाने पर सन्नाटा पसर गया.

 गोला स्थित मुक्तिधाम पर पुलिस- प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में दीपक का अंतिम संस्कार कराया गया. सुरक्षा के लिए गांव में पुलिस फोर्स की तैनाती रही. लोगों के बीच इस बात की चर्चा रही कि आखिर किस कारण से एसओ ने छेड़छाड़ की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की. घटना की जांच कर रहे सीओ ने कहा कि जांच के बाद आरोपी पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए जाएंगे.

विनय कुमार पांडेय उर्फ दीपक के उपचार में लापरवाही के चलते थाने में मौत होने की बात को लेकर आक्रोशित परिजनों ने सीएचसी परिसर में हंगामा शुरू कर दिया. लोगों ने गोला स्थित चंद चौराहे पर शव रखकर प्रदर्शन किया. देर रात करीब ढाई बजे के बाद जब पुलिस ने आरोपी के भाई चंद्रप्रकाश पांडेय की तहरीर पर एसएचओ गोला, चौकी प्रभारी चीनी मिल, ड्यूटी पर तैनात समस्त स्टाफ सहित अन्य  लोगों के खिलाफ बलवा, जानमाल की धमकी और हत्या की धारा में केस दर्ज किया. तब कहीं जाकर लोगों ने प्रदर्शन खत्म किया. रात में पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम कराया गया. इसमें मारने और पीटने या चोट के निशान नहीं मिले. मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका.

पोस्टमार्टम के बाद  की सुबह करीब नौ बजे शव गांव ले जाया गया. वहां शव आने पर भीड़ जमा हो गई. लोगों के बीच पुलिस के खिलाफ काफी गुस्सा नजर आया. गांव में सुरक्षा के लिहाज से पहले से तैनात पुलिस बल ने परिजनों से बात कर दीपक के अंतिम संस्कार के लिए उनको तैयार किया. करीब सवा 11 बजे शव को गोला कस्बा स्थित सरयू नदी के तट पर स्थित मुक्तिधाम पर ले जाया गया. वहां लोगों ने आरोपितों की गिरफ्तारी, पीड़ित परिवार को मुआवजा, मृतक के परिवार को नौकरी आदि की लिखित मांग उठाई. मौके पर मौजूद एसडीएम बांसगांव प्रदीप कुमार सिंह और एसडीएम गोला केसरी नंदन तिवारी ने आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. परिजनों को यथासंभव मुआवजा दिलाने के साथ नौकरी का प्रयास किया जाएगा. मामले की निगरानी डीएम कर रहे हैं. इसके बाद दीपक का अंतिम संस्कार हुआ. उसकी चिता को बड़े भाई विनोद पांडेय ने मुखाग्नि दी.

 

 

गोरखपुर न्यूज़ डेस्क

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