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Gorakhpur स्वत निलंबन के बाद अब लटक रही बर्खास्तगी की भी तलवार, रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई की चार्जशीट के बाद रेलवे बोर्ड कर सकता है कार्रवाई
 

निलंबन


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  घूसखोरी के मामले में जेल गए प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी पर स्वत निलंबन के बाद अब बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है. सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के साथ ही रेलवे बोर्ड पीसीएमएम को बर्खास्त करने की कार्रवाई कर सकता है. रेलवे सेवा नियमावली के अनुसार न्यायिक हिरासत में जाने के बाद 24 से 48 घंटे में रेलकर्मी स्वत निलंबित हो जाता है. पीसीएमएम के साथ भी ऐसा ही हुआ है. इस प्रकरण में चार और अधिकारियों का नाम आने की चर्चा के बाद डर और बढ़ गया है.


सूत्रों के मुताबिक रिश्वतखोरी में पकड़े गए पूर्वोत्तर रेलवे के पीसीएमएम केसी जोशी के कार्यालय के वाहन का चालक अचानक एक दिन पहले बदल दिया गया था. बताया जा रहा है कि जिस आवंटित कार का केसी जोशी प्रयोग करते थे उसमें सीबीआई की तरफ से एक चालक भेजा गया था. उसी चालक के साथ केसी जोशी आवास से कार्यालय गए थे और फिर लौटे थे. सामग्री प्रबंधक कार्यालय में शिकायतकर्ता से जुड़ी एक फर्म वाहनों की सप्लाई करती है. शिकायतकर्ता ने 9 सितंबर को सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद 11 सितंबर यानी  को ही टीम गोरखपुर आ गई थी. यहां जब शिकायतकर्ता ने पीसीएमएम को कॉल किया तो उन्होंने  को दिन में दो बजे मिलने के लिए बोला. चर्चा है कि इसी बातचीत के बाद शिकायतकर्ता ने अफसर के रूटीन चालक को बदल दिया. सूत्र बताते हैं कि उसमें सीबीआई ने अपनी टीम से एक चालक लगा दिया था.
चार्जशीट पर पूर्व सीपीटीएम हो चुके हैं बर्खास्त करीब चार साल पहले गोरखपुर मुख्यालय में तैनात मुख्य यात्री परिवहन प्रबंधक एमके सिंह को सीबीआई की ही चार्जशीट पर रेलवे बोर्ड ने बर्खास्त किया था. वर्तमान में एक अन्य आईआरटीएस पर भी बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है.


गोरखपुर न्यूज़ डेस्क
 

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