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Gorakhpur बीआरडी में सर्जरी का आईसीयू फुल, एम्बू बैग से बचा रहे जान

Gorakhpur बीआरडी में सर्जरी का आईसीयू फुल, एम्बू बैग से बचा रहे जान
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  बिहार के गोपालगंज निवासी जितेंद्र यादव  सड़क हादसे में घायल हुए. सिर पर गहरी चोट लगने से अचेत हो गए. परिजन उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराए. जान बचाने को वेंटिलेटर की दरकार थी.  वह करीब 4 घंटे भर्ती रहे. उन्हें वेंटिलेटर नहीं मिला. इस दौरान परिजन सासों को सहारा देने के लिए एम्बू बैग दोनों हाथों से दबाते रहे. यह मैन्युअल मिनी वेंटिलेटर होता है. रात करीब साढ़े तीन बजे परिजन उन्हें निजी अस्पताल लेकर चले गए.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में यह नजारा रोजाना का है. मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में मरीजों को वेंटिलेटर की दरकार है. अस्पताल प्रशासन की तमाम कवायद के बावजूद मरीजों को वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है.  भर्ती हुए जितेंद्र यादव का वेंटिलेटर के लिए बने वेटिंग लिस्ट में 8 वां नंबर रहा. उनसे पहले से भर्ती 7 गंभीर मरीज वेंटिलेटर के लिए कतार में थे. इनमें से छह मरीजों को सेप्सिस हो गया था. चार मरीज हेड इंजरी के रहे. जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत थी.
सर्जरी विभाग में है आठ बेड का आईसीयू बीआरडी के जनरल सर्जरी विभाग में आठ बेड का वेंटिलेटरयुक्त आईसीयू है जो फुल है. इसके अलावा 0 बेड का क्रिटिकल केयर आईसीयू ट्रामा सेंटर में भी है. वह भी फुल है. डॉ. अशोक यादव ने बताया कि वेंटिलेटर फुल हैं. कोई भी वेंटिलेटर खाली नहीं है. उनके लिए मरीजों की वेटिंग भी है.

एम्स में जल्द शुरू होगी क्रिटिकल केयर यूनिट
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जल्द ही गंभीर मरीजों के लिए क्रिटिकल केयर यूनिट शुरू होगा. यह यूनिट 6 से 8 बेड का हो सकता है. एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ जीके पाल ने इसका प्रस्ताव एनेस्थीसिया विभाग को तैयार करने के निर्देश दिए हैं. क्रिटिकल केयर यूनिट का संचालन एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञों की टीम करेगी. यह यूनिट वेंटिलेटर से युक्त होगा. इस यूनिट में मेडिसिन, न्यूरो सर्जरी, जनरल सर्जरी, पल्मोनरी मेडिसिन व गायनी से अत्यंत गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा. इस यूनिट में जीवन रक्षक सभी उपकरण मौजूद रहेंगे. इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई है.


गोरखपुर न्यूज़ डेस्क
 

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