![Jamshedpur मानगो में 1,80,894 और जुगसलाई में 41,283 वोटर,मतदाता सूची के विरुद्ध 1 जुलाई तक दर्ज कराई जा सकती है दावा-आपत्ति](https://samacharnama.com/static/c1e/client/79965/uploaded/5b7d1d61dee9c299d53fed146641ac32.webp?width=730&height=480&resizemode=4)
बिहार न्यूज़ डेस्क चुनाव आयोग ने पिछले साल सूबे के सभी विधानसभा के चार-चार बूथों पर जो कैप सर्वे कराया है. उससे पता चलता है कि 42 फीसदी मतदाता प्रत्याशी का पिछला काम देखकर वोट देते हैं. 21 फीसदी मतदाता पैसे के प्रभाव में आकर वोट करते हैं. सर्वे के नतीजों में एक अच्छी बात यह रही है कि बाहुबल के दबाव में आने के मामले सूबे में महज 0.1 फीसदी हैं.
कैप सर्वे में सभी विधानसभा के दो सर्वाधिक मतदान और दो सबसे कम मतदान वाले बूथ के मतदाताओं को शामिल किया गया था. इस सर्वे में जो तथ्य उभरकर आये हैं, उनके अनुसार सूबे के 35.6 फीसदी मतदाता प्रत्याशी के कारण ही वोट डालने जाते हैं. यदि उनके मन का प्रत्याशी न मिले तो वे मतदान से पीछे हट जाते हैं. सर्वे के अनुसार सूबे में मतदान के लिए ईपिक के अलावा वैकल्पिक दस्तावेज के उपयोग का प्रतिशत भी काफी ज्यादा है. सूबे में 32.3 फीसदी मतदाता वोट डालने के लिए पहचान पत्र के रूप में ड्राइविंग लाइसेंस का, जबकि 12.5 फीसदी मतदाता राशन कार्ड का उपयोग करते हैं. बैंक पासबुक का इस्तेमाल करने वाले मतदाताओं की संख्या महज 2.9 फीसदी है. हालांकि, जिला प्रशासन व राजनीतिक दलों द्वारा दिये गये वोटर स्लिप को वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में वोट देने के लिए इस्तेमाल करने वाले मतदाताओं की संख्या सर्वे में 31.4 फीसदी बतायी गई है, तो 20.9 फीसदी मतदाता अन्य वैकल्पिक दस्तावेज का इस्तेमाल वोट देने के लिए करते हैं.
वोट नहीं देने वाले मतदाताओं के पास ईपिक का अभाव
सर्वे में यह बात भी सामने आयी है कि सूबे में करीब 99 फीसदी लोगों के पास वोटर आईकार्ड (ईपिक) मौजूद है, लेकिन पिछले चुनाव में जिन्होंने वोट नहीं दिया, उस संख्या के 74 फीसदी लोगों ने वोटर आईकार्ड न होने की शिकायत की है. जबकि 4.6 फीसदी मतदाताओं ने पिछले चुनाव में इसलिये वोट नहीं किया कि उनके परिवार के मुखिया ने वोट डालने जाने से मना कर दिया. 1.9 फीसदी मतदाता ऐसे भी थे, जिन्हें अपने पोलिंग बूथ की जानकारी नहीं थी, इस कारण वे पिछले चुनाव में वोट नहीं डाल पाये. वहीं 2.4 फीसदी मतदाताओं ने सर्वे में बताया कि उन्हें लोकतंत्र में ही विश्वास नहीं है. जबकि 2.5 फीसदी मतदाताओं को धार्मिक गुरुओं ने वोट डालने से परहेज करने को कहा था.
गोपालगंज न्यूज़ डेस्क