बिहार न्यूज़ डेस्क जिले के गन्ना किसानों को जलजमाव की समस्या से राहत दिलाने के लिए लिए गए प्रशासनिक फैसलों के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. 25 नवंबर 2022 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न कृषि रोड मैप बैठक में गन्ना उत्पादक जिलों में जल निकासी की समस्या के समाधान के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था. इस समिति को जलजमाव प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर जल संसाधन विभाग को डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) उपलब्ध करानी थी, लेकिन एक साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद यह प्रक्रिया अधर में है. पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि गोपालगंज, छपरा, सीवान और पश्चिम चंपारण जिले गन्ना उत्पादन में अग्रणी हैं, लेकिन जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. खासकर गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर, बरौली और सिधवलिया प्रखंडों के कई गांवों में हजारों एकड़ खेत जलजमाव से प्रभावित हैं. रहुआ ताल चंवर क्षेत्र में जल निकासी नहीं होने से दर्जनों गांवों के खेत 6-7 महीने तक जलमग्न रहते हैं, जिससे गन्ना और अन्य फसलों की खेती संभव नहीं हो पाती. श्री कुमार ने किसानों की समस्या की समाधान की मांग की.
किसानों में बढ़ रही नाराजगी
स्थानीय किसानों का कहना है कि पहले मोहची पुल के पश्चिम से जग्गीरहों (गरौली) होते हुए बॉसघाट मंसूरिया तक केनाल (खाड़) से जल निकासी होती थी, लेकिन अब इसकी सफाई न होने से जलजमाव की समस्या बढ़ गई है. किसानों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग की है, ताकि उनकी फसलें नष्ट होने से बच सकें.
गोपालगंज न्यूज़ डेस्क

