बिहार न्यूज़ डेस्क अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेफाली नारायण की कोर्ट ने शहर के राजेंद्र बस पड़ाव की करीब 89 कह्वा जमीन की अवैध तरीके से की गई जमाबंदी के आरोपित सदर सीओ गुलाम सरवर, सीआई जटाशंकर प्रसाद एवं बर्खास्त राजस्व कर्मचारी दिनेश मिश्र की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी.
अब सभी आरोपितों को जमानत के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा. उल्लेखनीय है कि मामले की सुनवाई को ही पूरी हो गई थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अभिलेख को आदेश में रख लिया था. कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपितों के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार तिवारी, अबू शमीम तथा अली असगर ने अपना पक्ष रखते हुए सभी को निर्दोष बताया. कहा कि आरोपितों के गोपालगंज में आने से पहले ही मामले में जमाबंदी कायम कर दी गई थी.
उधर, अपर लोक अभियोजक हरेंद्र सिंह और नगर परिषद के अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी ने मामले को गंभीर बताते हुए अग्रिम जमानत दिए जाने का विरोध किया. कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद अभिलेख को आदेश में रख लिया था. मालूम हो कि कुचायकोट थाने के सासामुसा निवासी अजय दुबे ने जाली कागजात बनाकर जमीन को वर्ष 1980 में रजिस्ट्री कराने का दावा करते हुए दाखिल खारिज के लिए आवेदन किया था. आवेदन किए जाने के बाद अंचल कार्यालय के कर्मियों और पदाधिकारियों की मिलीभगत से दाखिल खारिज कर भी दिया गया. साथ ही जाली कागजात के आधार पर जमाबंदी कराने वाले अजय दूबे ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिखकर बस स्टैंड की जमीन को खाली कराने की मांग तक कर दी थी.
सदर एसडीओ ने मामले की जांच कराई
मामला तूल पकड़ने पर तत्कालीन डीएम मो. मकसूद आलम ने सदर एसडीओ से पूरे मामले की जांच कराई. जांच में पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद फर्जी तरीके से जमीन की जमाबंदी करने के आरोप में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुलधर दुबे ने नगर थाना में बस पड़ाव की जमीन पर अपना दावा करने वाले अजय दुबे के अलावा सदर सीओ गुलाम सरवर, प्रभारी राजस्व अधिकारी जटाशंकर प्रसाद व राजस्व कर्मचारी दिनेश मिश्र पर प्राथमिकी कराई थी.
गोपालगंज न्यूज़ डेस्क