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Gopalganj केंद्र नहीं भेज रहा टीबी की दवा राज्य सरकारें खुद खरीदेंगी

टीबी

बिहार न्यूज़ डेस्क केंद्र सरकार टीबी की दवा राज्यों को नहीं भेज रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर - महीने की दवा खरीदने को कहा है. केंद्र सरकार के पत्र के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मुजफ्फरपुर सहित सभी जिलों के सीएस को पत्र लिखकर टीबी की जो दवा नहीं है, उसकी स्थानीय बाजार से खरीदारी करने का निर्देश दिया है.

जिला यक्ष्मा रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सीके दास ने बताया कि बीमारी के इलाज के लिए जो दवा नहीं है उसकी खरीद की जाएगी. वहीं, विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि टीबी के मरीजों के लिए  तरह की दवाएं खरीदी जाएंगी. बिहार में करीब पौने  लाख और मुजफ्फरपुर में 9300 टीबी के सक्रिय मरीज हैं, जिन्हें दवा दी जाती है.

कई जिलों में एमडीआर की दवा नहीं : सूबे के कई जिलों में टीबी के एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंस) की भी दवा नहीं है. मुजफ्फरपुर जिले में एमडीआर के रोगी को दी जाने वाली  दवा उपलब्ध नहीं है. इन रोगियों को अनिवार्य रूप से दवा दी जानी जरूरी है. दवा में गैप आने से रोगियों में बीमारी के बढ़ने खतरा रहता है.

मुजफ्फरपुर में हर साल बढ़ रहे एमडीआर के मरीज : मुजफ्फरपुर जिले में हर वर्ष एमडीआर के मरीज बढ़ रहे हैं.

बीच में दवा छोड़ने के कारण ऐसा अधिक हो रहा है. मुजफ्फरपुर जिले में वर्ष 2021 में एमडीआर के मरीजों की संख्या 203 थी. वर्ष 2022 में 245 और वर्ष 2023 में बढ़कर यह 292 हो गई है. एमडीआर के मरीजों का इलाज जिला टीबी केंद्र के अलावा एसकेएमसीएच में भी किया जाता है.

मुजफ्फरपुर जिले में पांच वर्षों में लगभग 1500 लोगों ने टीबी की दवा बीच में ही छोड़ दी है.

 

गोपालगंज  न्यूज़ डेस्क

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