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Gopalganj सरकारी क्वार्टर में रहने वाले डॉक्टर और कर्मचारी नहीं देते बिजली बिल

बिजली
 

बिहार न्यूज़ डेस्क क्वार्टर बनाए गए. सारी सुविधाएं दी गई. डॉक्टर और कर्मचारी रहने भी लगे. लेकिन बिजली का मीटर नही लगा. परिणाम यह हुआ कि दशकों से बगैर बिजली बिल दिए डॉक्टर और कर्मचारी रह रहे हैं और हर साल लाखों रुपये की चपत लगा रहे हैं. जी हां, यह मामला है मगध मेडिकल कॉलेज के सरकारी क्वार्टरों का, जिसके कारण मगध मेडिकल कॉलेज को अब तक करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है.
दशकों से बिजली बिल नहीं मगध मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और कर्मचारियों को रहने के लिए सरकारी क्वार्टर बनाए गए हैं. कुल 85 क्वार्टर हैं. इसमें कुछ क्वार्टर नये हैं, तो कुछ जर्जर भी होने लगे हैं, लेकिन आज तक इन क्वार्टरों में रहनेवाले डॉक्टरों से कर्मचारियों से बिजली बिल नहीं वसूला गया, जिसके कारण मगध मेडिकल कॉलेज को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है, क्योंकि इनके बदले कॉलेज प्रबंधन बिजली बिल भरता रहा और वह भी कमर्शियल बिल. चूंकि पूरे कॉलेज के लिए बिजली की विशेष व्यवस्था है और सबका भुगतान कॉलेज प्रबंधन करते आ रहा है. ऐसे में प्रबंधन ने इन क्वार्टरों की तरफ कभी ध्यान ही नहीं दिया, जिसका लाभ डॉक्टर-कर्मचारी उठाते रहे. वहीं कमर्शियल भुगतान के कारण कॉलेज प्रबंधन को अधिक राशि भी खर्च करनी पड़ी. मगध मेडिकल कॉलेज में यह लापरवाही एक-दो वर्षों से नहीं कई दशकों से चल रही थी. लेकिन चर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट रंजीत कुमार के एक परिवाद के बाद पूरा महकमा हरकत में आया है और बिजली बिल वसूलने की बात होने लगी है.


अधीक्षक ने भी जारी किया निर्देश
लोक शिकायत परिवाद दायर होने के बाद मगध मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक ने भी तत्काल निर्देश जारी किया है. निर्देश के अनुसार बिजली विभाग से सभी क्वार्टरों में बिजली मीटर लगाने का अनुरोध किया गया है. वहीं दूसरी तरफ सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों को बिजली विभाग के सुविधा ऐप के आवदेन करने का भी निर्देश दिया गया है. अगर तत्काल ऐप के जरिए आवेदन नहीं किया जाएगा, तो क्वार्टर रद्द भी किया जाएगा.
मगध कमिश्नर ने जारी कर दिए आदेश
इन सरकारी क्वार्टरों के कारण मगध मेडिकल कॉलेज को हर साल लाखों रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ा रहा था. लेकिन अब मामला प्रकाश में कॉलेज प्रबंधन हरकत में आया है और घरेलू दर पर बिजली बिल वसूलने की बात कह रहा है. वहीं लोक शिकायत परिवाद पर कमिश्नर मगध ने भी आदेश जारी कर दिया है. कमिश्नर पिछले एक साल का बिल इन क्वार्टरों में रहनेवाले डॉक्टरों और कर्मचारियों से वसूलने का आदेश दिया है.
मगध मेडिकल को पैसा रोगियों पर खर्च करने के लिए दिया जाता है, लेकिन यहां तो नियम के विरुद्ध डॉक्टर और कर्मचारियों पर खर्च किया जा रहा था. ऊपर से कमर्शियल बिल भरा जा रहा था. ऐसे में लापरवाह लोगों पर कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए. साथ-साथ एक ही साल का बिल क्यों वसूलने का आदेश दिया गया है. इनसे तो आवंटन तिथि से पैसा वसूलना चाहिए.
- रंजीत कुमार, चर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट , गया

गोपालगंज  न्यूज़ डेस्क
 

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