
बिहार न्यूज़ डेस्क सदर अस्पताल में एक बार फिर स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी सामने आया . स्वास्थ्यकर्मियों ने एक महिला मरीज को अस्पताल में प्रबंध रहने के बाद भी बाहर सीटी स्कैन के लिए भेज दिया . महिला को सीटी स्कैन कराने में 22 सौ रुपए खर्च करने पड़े.
पूरे मामले की जांच का आदेश सीएस ने दिया है. गोपालपुर के बैजलहा गांव की 35 वर्षीया सुधा देवी सिर में चोट लगने के बाद इलाज कराने अस्पताल में पहुंची थी. अस्पताल के इमरजेंसी में डयूटी पर तैनात डॉक्टर ने उन्हें सीटी स्कैन कराने को कहा. लेकिन, महिला का कहना था कि डॉक्टर के साथ बैठे एक सहयोगी ने उन्हें सदर अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के खराब होने की बात कह बाहर भेज दिया. सदर अस्पताल के सीटी स्कैन चालू होने की जानकारी मिलने के बाद मरीज के साथ आए तीमारदारों ने हल्ला हंगामा किया. सिविल सर्जन डॉ.वीरेन्द्र प्रसाद को जब मामले की जानकारी दी गई. तब उन्होंने सीटी स्कैन मशीन चालू होने की बात कही. कहा कि मामले की जांच कर दोषी कर्मी पर कार्रवाई की जाएगी.
इमरजेंसी वार्ड में टूटे फूटे स्ट्रेचर से ढोए जा रहे मरीज आईएसओ प्रमाणित सदर अस्पताल में मरीजों को टूटे-फूटे स्ट्रेचर से ढोया जा रहा है. जबकि बढ़िया स्ट्रेचर से बालू व ईंट ढोए जा रहे हैं. मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिलने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मरीज को ढोने वाले स्ट्रेचर के चक्का आदि टूटे हैं. फर्श भी दुरुस्त नहीं है.
उसे लाने और ले जाने के लिए एक भी कर्मी आगे नहीं आते है. परिजनों को ही स्ट्रेचर धकेलकर इमरजेंसी या फिर अन्य वार्डों तक ले जाना पड़ता है.
गोपालगंज न्यूज़ डेस्क