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Gaziabad खोड़ा में मकानों को पहचान देने का काम अटका

Gaziabad खोड़ा में मकानों को पहचान देने का काम अटका
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  खोड़ा में मकान नंबर आवंटित कर पते की समस्या दूर करने का काम लटक गया है. लोगों का कहना है कि उनकी समस्या का अब तक समाधान नहीं हुआ और इस बारे में पूछने पर कोई जवाब नहीं मिलता. हालांकि अब नए सिरे से प्रस्ताव बनाने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही जा रही है.
खोड़ा अनियोजित कॉलोनी है, जहां 50 हजार से अधिक मकान हैं. हजारों की संख्या में दुकानें भी हैं. इसीलिए पानी और सीवर के साथ यहां के लोग पते की समस्या से भी जूझ रहे हैं. कई संगठनों की मांग पर चार साल पहले खोड़ा के मकान-दुकान को पते देने की योजना आई. मार्च 2020 में केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह और साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा ने इसका उद्घाटन किया था. योजना थी कि खोड़ा को 10 सेक्टरों में बांटकर मकान और दुकान पर नंबर प्लेट लगाई जाएगी. गूगल मैपिंग कराने के साथ दावा किया गया था कि तीन महीने में काम पूरा हो जाएगा, लेकिन काम बीच में ही लटक गया. खोड़ा रेजिडेंट्स एसोसिएशन (केआरए) के अध्यक्ष दीपक जोशी के मुताबिक डाक, डिलीवरी ब्वॉय, गैस सिलेंडर तक लोगों के घर नहीं पहुंच पाते हैं. यहां तक कि रिश्तेदार भी रास्ता भूलते हैं तो रास्ता बताने वाला नहीं मिलता है.
हिंद स्वाभिमान फॉउंडेशन के अध्यक्ष कल्लू भैया का कहना है कि जल्द से जल्द नंबर प्लेट लगाने का काम शुरू करना चाहिए. खोड़ा-मकनपुर नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता का ट्रांसफर होने के बाद  अधिकारी ने बताया कि नंबर प्लेट लगाने का प्रस्ताव नए सिरे बनाया जा रहा है. अगली बोर्ड बैठक में इसे रखा जाएगा.

बिना टेंडर काम शुरू कराया
लोगों के मकान पर नंबर प्लेट लगाने वाली एजेंसी पर आरोप लगाया गया कि वह बिना टेंडर के ही काम कर रही है और प्लेट लगाने के एवज में 200 रुपये लिए जा रहे हैं. अक्तूबर 2022 में जब ये आरोप लगाए तब 10 हजार मकानों पर नंबर प्लेट लग चुकी थी. कहा गया कि काम नियमानुसार ही हो रहा है और एग्रीमेंट में लिखा था कि हर घर से फर्म 200 रुपये वसूली की जाएगी. फिर काम शुरू हुआ, लेकिन 500 मकानों पर नंबर प्लेट लगाने के बाद काम रोककर जांच शुरू कर दी गई. खोड़ा के पते के साथ इस जांच की रिपोर्ट का भी आज तक पता नहीं चल पाया.


गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क

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