
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जिले के अस्पतालों में कबाड़ से लोगों को जागरूक करने के सजावटी मॉडल तैयार किए गए हैं. कहीं व्हीलचेयर के पहिया सुरक्षित मातृत्व का संदेश दे रहा है तो कहीं सिरिंज से प्रेम की निशानी ताजमहल को बनाया गया है. कुत्ते काटने के बाद रेबीज से बचाव का भी संदेश दिया जा रहा है.
जिले के सभी अस्पतालों को बड़ी मात्रा में बायो वेस्ट निकलता है. शासन के निर्देश पर बायो वेस्ट से काम का सामान तैयार करने दी हिदायत दी गई है. इसी कड़ी में जिला महिला अस्पताल और संयुक्त अस्पताल में सिरिंज, वायल, टूटी व्हीलचेयर, आईवी स्टैंड, प्लास्टिक बोतल और सिरिंज का प्रेशर पंप से सजावटी मॉडल तैयार किए गए हैं. इनके माध्यम से प्लास्टिक का उपयोग न करने, जननी सुरक्षा योजना, सुरक्षित मातृत्व, रेबीज से बचाव, सेव नेचर, रक्तदान महादान और सरकारी योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने वाले सजीवटी मॉडल तैयार किए गए हैं.
महिला अस्पताल में दो दर्जन मॉडल जिला महिला अस्पताल में पैथोलॉजी विभाग, ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम, सर्जिकल वार्ड, फार्मोसी आदि अनुभागों ने दो दर्जन से ज्यादा मॉडल तैयार किए हैं. इन मॉडलों में निडिल की कैप से कुर्सी-मेज और घर, वायल से पेन स्टैंड, गमले, सिरिंज और वायल से ताजमहल, खराब रूई से खरगोश और बेबी डॉल, वायल कैप से मानव दिल, हैंगिंग मॉडल, एंबुलेंस, लाल-पीले और नीले रंग के डस्टबिन के मॉडल शामिल हैं.
रेबीज से बचाव का संदेश
संयुक्त अस्पताल के रेबीज क्लीनिक में सिरिंज से कुत्ते काटने के बाद रेबीज से बचाव के संदेश देने वाला मॉडल तैयार किया गया है. इसके अलावा ओटी, आर्थो वार्ड, डिलीवरी रूम आदि में सरकारी योजनाओं से संबंधित मॉडलों को तैयार किया गया है. यह सभी मॉडल बनाए गए अनुभागों में रखे गुए हैं और लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं.
गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क