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Gaziabad महिला डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट की अवस्था में ही थाने पहुंची

में डिजिटल अरेस्ट हुए एक कारोबारी को ठगों की लाइव निगरानी से छुड़ाते हुए ठगी से बचाया

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  साइबर अपराधियों ने डॉक्टर रश्मि उपाध्याय को इतना भयभीत कर रखा था कि उन्हें एक मिनट भी वीडियो कॉल से दूर जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रखी थी. वह डिजिटल अरेस्ट की अवस्था में ही साइबर अपराध थाने पहुंचीं. 17  से डिजिटल अरेस्ट हुईं डॉक्टर को प्रभारी निरीक्षक तीन बजे मुक्त किया.

पीड़ित डॉक्टर ने उन्हें बताया कि सोई नहीं हैं. जालसाज हर समय वीडियो कॉल के जरिये उनकी निगरानी कर रहे हैं. परिचित तो क्या उन्हें पति से भी बात करने की अनुमति नहीं थी. इस दौरान मोबाइल पर जो भी कॉल आईं, उन्हें रिसीव नहीं करने दिया गया. डिजिटल अरेस्ट होने के बाद 18  की शाम उन्होंने अपने बैंक खाते से 12 लाख 50 हजार रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए. बैंक खाते में धनराशि न होने पर पीड़िता ने अगले दिन 19  को पांच-पांच लाख रुपये के तीन फिक्सड डिपॉजिट को तोड़ लिया और जालसाजों द्वारा बताए बैंक खाते में 15 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. दूसरे दिन जब पीड़िता आरटीजीएस करने बैंक पहुंची तो बैंक प्रबंधक को संदेह हुआ. उन्होंने एक दिन पूर्व 12 लाख 50 हजार और अब 15 लाख रुपये ट्रांसफर करने का कारण पूछा. इस पर पीड़िता ने कहा कि उनके भाई को रुपये की जरूरत है. उसे ट्रांसफर कर रही हैं. इसके बावजूद जालसाजों ने रुपये मांगना नहीं छोड़ा. पीड़िता ने पति से रुपये उधार लेकर ट्रांसफर करने की ठानी. पति ने कारण पूछा तो नहीं बताया. दवाब दिया तो पूरी सच्चाई पति को बताई. तब पति ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा. थाने पहुंचने पर पीड़िता से निरीक्षक विजय गौतम ने कहा कि वीडियो कॉल पर बात करने वाले पुलिसकर्मी नहीं, बल्कि साइबर अपराधी हैं.

क्या है डिजिटल अरेस्ट

डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराध का एक तरीका है. डिजिटल अरेस्ट में ठग द्वारा पीड़ित को फोन कर बताया जाता है कि उनका नाम ड्रग्स तस्करी या मनी लॉन्ड्रिंग के केस में आया है. वह डिजिटल तौर पर लगातार उनसे जुड़े रहेंगे. पीड़ित से केस रफा-दफा करने के लिए रुपये की मांग की जाती है. इस दौरान ठग लगातार फर्जी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के जरिये बात भी करते रहते हैं. पीड़ित डर की वजह से साइबर अपराधियों के बताए खाते में रुपये भेज देता है.

ये सावधानी बरतें

● अगर कोई अनजान व्यक्ति पार्सल में ड्रग्स होने की बात कहे तो पुलिस से संपर्क करें.

● अगर कोई अनजान व्यक्ति किसी ग्रुप पर जोड़ता है तो उससे इसका कारण पूछे.

● कम समय में कोई अगर भारी मुनाफा होने का झांसा दे तो सतर्क हो जाएं.

● यूट्यूब पर जारी किए गए वीडियो में दिए मोबाइल और फोन नंबर पर कॉल न करें.

● वीडियो लाइक करने पर मोटी कमाई होने के झांसे में न आएं.

 

 

गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क

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