
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जनपद को मेडिकल हब बनाने की तैयारी है. एक जगह दवा और मेडिकल उपकरण बनाने की इकाइयां स्थापित होंगी. फैक्टरी लगाने वाले उद्यमियों को प्राधिकरण सभी सुविधाएं भी मुहैया कराएगा.
गाजियाबाद में दवा और मेडिकल उपकरण बनाने की 400 से अधिक छोटी-बड़ी इकाइयां संचालित हैं. इसके अलावा छह हजार से ज्यादा दवा व्यापारी हैं. ऐसे में दवा और मेडिकल उपकरण तैयार करने वाले उद्यमियों को एक क्षेत्र में ही इकाइयां लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसे फार्मा पार्क का नाम देंगे. जीडीए ने नए मास्टर प्लान 2031 में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए चिह्नित जमीन पर फार्मा पार्क को विकसित करने की कवायद शुरू कर दी है. प्राधिकरण मेडिकल क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों से संपर्क कर उन्होंने एक स्थान पर इकाइयां लगाने के लिए प्रेरित करेगा. ऐसे उद्यमियों को नए मास्टर प्लान में कहां-कहां औद्योगिक भू उपयोग की जमीन है. इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी, ताकि यह उद्यमी एक साथ मिलकर वहां जमीन खरीदें और दवा और मेडिकल उपकरण बनाने वाली इकाइयां लगा सके.
यहां पर बनी हैं दवा फैक्टरी
उद्यमी बताते हैं कि जिले में सबसे अधिक दवा और मेडिकल उपकरण बनाने वाली इकाइयां लोनी के ट्रोनिका सिटी में स्थापित है. इसके अलावा साहिबाबाद, कविनगर, बुलंदशहर औद्योगिक क्षेत्र, साउथ साइड जीटी रोड, मेरठ रोड आदि क्षेत्रों में भी इनकी फैक्ट्रियां लगी हुई है.
यहां बन सकता है फार्मा पार्क
जीडीए ने नए मास्टर प्लान 2031 में मोदीनगर, मुरादनगर, लोनी में उद्योग लगाने के लिए जमीन चिह्नित की है. ऐसे में दवा और मेडिकल उपकरण बनाने की इकाई लगाने वाले उद्यमियों को जानकारी देंगे कि इन क्षेत्र में कहां-कहां औद्योगिक भू-उपयोग की जमीन हैं जिस पर फार्मा पार्क बनाया जा सकता है.
समिट में जुटे थे निवेशक
लखनऊ में फरवरी माह में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था. उस दौरान करीब 3230 उद्यमियों ने 1,05,581 करोड़ के निवेश प्रस्तावों के सहमित पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. इसमें दवा और मेडिकल उपकरण बनाने वाले नौ उद्यमियों ने निवेश प्रस्ताव के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें 1,962 करोड़ का निवेश होना है.
रोजगार के बढ़ेंगे साधन गाजियाबाद में मेडिकल हब बनता है, तो यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. इसका फायदा गाजियाबाद समेत आसपास के क्षेत्रों को भी होगा. क्योंकि गाजियाबाद समेत आसपास के क्षेत्रों में काफी तादात में मेडिकल संस्थान स्थापित है.
शासन के निर्देशानुसार जिले में निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है. एक जगह दवा और मेडिकल उपकरण बनाने वाली इकाइयां स्थापित होने से उद्यमियों को लाभ होगा. प्राधिकरण इन्हें अपने स्तर की सभी सुविधाएं मुहैया कराएगा. -बृजेश कुमार, सचिव, जीडीए
रिक्त पड़ प्लॉटों की सूची भी दी
जीडीए ने पूर्व में उद्यमियों के साथ हुई बैठक में अपनी योजनाओं में रिक्त पड़े प्लॉटों की सूची भी उद्यमियों को उपलब्ध कराई थी. जीडीए अधिकारियों का कहना है कि अगर दवा और मेडिकल उपकरण बनाने वाले उद्यमी इन योजनाओं में भूखंड खरीदकर इकाई लगाना चाहते हैं, तो उन्हें सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.
सीधे किसानों से खरीद सकेंगे जमीन
जीडीए की योजनाएं छोड़कर बाकी जमीन उद्यमियों को सीधे किसानों से खरीदनी होगी. भू-उपयोग परिवर्तन करने और मानचित्र स्वीकृत करने में प्राधिकरण उद्यमियों की मदद करेगा. सरकारी कार्यालयों में किसी भी अनुमति के लिए उद्यमियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. प्राथमिकता के आधार पर उनके काम किए जाएंगे.
गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क