![Gaziabad घर का सपना पूरा होने और उद्योगों को रफ्तार मिलने की उम्मीद](https://samacharnama.com/static/c1e/client/79965/uploaded/4445895ac0e194ab8cf544743745180d.jpg?width=730&height=480&resizemode=4)
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क लोगों को आज अंतरिम बजट से काफी उम्मीद है. कई लुभावनी घोषणाएं हो सकती हैं. इससे घर का सपना पूरा होने और उद्योगों को रफ्तार मिलने की उम्मीद है.
गाजियाबाद औद्योगिक नगरी है. यहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की छोटी बड़ी हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं. जो एक दर्जन से ज्यादा सरकारी और गैर सरकारी औद्योगिक क्षेत्रों में चल रही है. इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है. ऐसे में सभी की नजरें वित्त मंत्री के बजट पर लगी हुई है.
आईआईए का कहना है कि उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. उद्यमियों को सुविधाएं मिलेंगी तो ज्यादा से ज्यादा लोग इस क्षेत्र में आगे आकर उद्योग लगाएंगे, जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा. औद्योगिक क्षेत्र का आधारभूत ढांचा मजबूत करने के लिए नई घोषणाएं होनी चाहिए. मजदूरों के लिए होम लोन पर ब्याज दर कम होना चाहिए.
उद्योगों के लिए बिजली के रेट कम होने के साथ ही इसमें भी छूट मिलनी चाहिए. मजदूरों के लिए कल्याण कारी योजनाएं आनी चाहिए. वहीं, बिल्डरों के संगठन क्रेडाई के सदस्यों को उम्मीद है कि इस बजट में सरकार अफोर्डेबल होम को लेकर कोई योजना लाएगी. होम लोन में भी कुछ छूट मिलने की उम्मीद है. सरकार होम लोन में ब्याज दर में भी छूट देती है तो इससे रियल स्टेट सेक्टर में तेजी आएगी. संगठन का दावा किया कि आने वाले समय में गाजियाबाद में घर की मांग बढ़ेगी.
लोन पर ब्याज दर हो कम
गाजियाबाद इंडस्ट्रियल फेडरेशन के अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा कहा कि उद्यमियों की मांग है कि लघु, सूक्ष्म, मध्यम वर्ग के उद्योगों को बैंको से दिए जाने वाले लोन पर ब्याज दर कम होनी चाहिए और उस पर सालाना लगने वाले प्रीमियम की ब्याज दर भी कम की जानी चाहिए. जीएसटी दर 8 को घटा कर प्रतिशत करना चाहिए.
जीएसटी दरों को सुसंगत किया जाए
आईआईए एमएसएमई पॉलिसी के चेयरमैन प्रदीप गुप्ता ने बताया कि जीएसटी दरों को सुसंगत किया जाना चाहिए, ताकि इसका लाभ मिल सके. इसके साथ ही इस बार अंमरिम बजट में पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की भी मांग की जा रही है.
गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क