![Allahabad चुनाव कभी जौनपुर के लोग भी चुनते थे इलाहाबाद का सांसद](https://samacharnama.com/static/c1e/client/79965/uploaded/e81c849e8061d253e7abab8bcccc069e.jpg?width=730&height=480&resizemode=4)
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क यूं तो हर राजनीतिक दल देश की सियासत में महिला आरक्षण की वकालत करता है, मगर जिक्र जब गाजियाबाद लोकसभा सीट का हो तो ये बात पूरी तरह बेमानी साबित होती है. आजादी के बाद से अबतक हुए लोकसभा चुनावों में केवल एक बार ही कांग्रेस की कमला चौधरी ने बतौर सांसद जिले का प्रतिनिधित्व किया है, जबकि देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा से कभी किसी महिला को मैदान में नहीं उतरने का मौका नहीं मिला.
देश की आजादी के बाद इस सीट पर अबतक 16 लोकसभा चुनाव हुए हैं. शुरुआती दौर से ही गाजियाबाद सीट पर पहले कांग्रेस और फिर भाजपा का दबदबा रहा है, जो अभी तक कायम है. इन 16 चुनावों में से सिर्फ एक बार ही कांग्रेस की कमला चौधरी ने भारतीय संसद में बतौर सांसद गाजियाबाद का प्रतिनिधित्व किया है. भाजपा के अलावा कई दलों ने महिलाओं को लोकसभा चुनाव मैदान में उतारा, मगर किसी को भी जीत नसीब नहीं हुई. गाजियाबाद से पहली और अबतक की आखिरी महिला सांसद होने का गौरव कमला चौधरी के ही नाम है. कमला चौधरी 1962 में चुनाव जीतकर सांसद बनीं थीं. सबसे पहला चुनाव 1957 में हुआ तब गाजियाबाद सीट हापुड़ लोकसभा के नाम से हुआ करती थी.
1957 में हुए चुनावों में इस सीट से कांग्रेस के कृष्ण चंद्र सांसद बने. उसके बाद 1962 में हुए दूसरे लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने कमला चौधरी को मैदान में उतारा. इस चुनाव में अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय नसीम मोहम्मद को 28,633 वोट से मात देकर कमला चौधरी सांसद बनीं. उस समय कमला चौधरी को 81,999 और नसीम मोहम्मद को 53,366 वोट मिले. 1967 के अगले चुनावों में कांग्रेस ने एक बार फिर कमला चौधरी पर दांव खेला, मगर निर्दलीय प्रकाश वीर शास्त्रत्त्ी से हार गईं.
इसके बाद 1971,1977 और 1980 में किसी भी दल ने महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया. इसके बाद भी लगभग ऐसी ही स्थिति रही. अबतक हुए आधे से ज्यादा चुनावों में सत्ता संग्राम के इस चुनावी मैदान में महिलाओं को उतारना किसी भी दल ने मुनासिब नहीं समझा.
बसपा के उम्मीदवार का नाम अभी तय नहीं
बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के टिकट पर गाजियाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए अभी तक कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. हालांकि कौन प्रत्याशी होगी इसका अंतिम फैसला पार्टी मुख्यालय से होगा. कयास लगाए जा रहे है कि पार्टी इस बार अपने मूल कैडर वोट के सहारे मैदान में उतरेगी. इसी को ध्यान में रखते हुए करीब पांच लोगों के नाम पर चर्चा तेज हैं. बसपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में किसी भी दल से गठबंधन नहीं किया है.
भाजपा अगले सप्ताह कर सकती है घोषणा
गाजियाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस का प्रत्याशी अगले हफ्ते घोषित हो सकता है. हालांकि दोनों प्रत्याशियों को लेकर हाईकमान ने मंथन लगभग कर लिया है, लेकिन नाम पर मुहर नहीं लगी है. गाजियाबाद सीट पर दूसरे चरण में मतदान होना है. जबकि नामांकन प्रक्रिया 28 से शुरू होगी. ऐसे में सभी बड़े दलों के प्रत्याशी घोषित अभी नहीं हो सके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश गए हुए हैं, ऐसे में भाजपा का प्रत्याशी उनके आने के बाद ही घोषित होने की उम्मीद है.
तीन बार मैदान में उतरीं महिला उम्मीदवार
साल 1996 में कांग्रेस की रीता चौधरी समेत तीन महिलाएं मैदान में थी, मगर जीत भाजपा के डॉ. रमेश चंद्र तोमर को मिली. 1998, 1999 और 04 में हुए चुनावों में भी प्रमुख दलों से कोई महिला उम्मीदवार नहीं रहीं. 04 तक जो सीट हापुड़ के नाम से थी वह परिसीमन के बाद 09 में गाजियाबाद नाम से हो गई. इसके बाद 14 में आम आदमी पार्टी से शाजिया इल्मी और 19 में कांग्रेस की डॉली शर्मा चुनाव लड़ीं मगर जीत नहीं मिली.
गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क