Gaziabad फैक्टरी किराये पर लेकर जहरीला ई-कचरा जला रहे, जनपद में 20 से ज्यादा ई कचरा निस्तारण यूनिट

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क खुले में ई-कचरे का निस्तारण से जुड़े मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को औद्योगिक क्षेत्र में फैक्टरी किराये पर लेकर ई-वेस्ट जलाने का मामला सामने आया है. एनजीटी में हुई शिकायत के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मसूरी गुलावठी रोड औद्योगिक क्षेत्र में जांच की तब इन फैक्टरियों का खुलासा हुआ. दो बार जांच में जो फैक्टरी पहली बार चलती मिलीं थीं वह दूसरी बार में बंद मिली.
एनजीटी में मसूरी गुलावठी रोड औद्योगिक क्षेत्र में फैक्टरी किराए पर लेकर ई-कचरा गलाने और जलाने की शिकायत की गई थी. मामले में एनजीटी ने जांच के आदेश दिए. इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने मौके पर जांच की. दो फैक्टरी परिसर में सर्किट बोर्ड गलाने का काम मिला. इन्हें गलाने के लिए ईंधन के रूप में लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल किया जा रहा था. किसी भी सरकारी महकमे से कोई एनओसी या अनुमति भी मौके पर नहीं मिली. एक परिसर में पेपर कटिंग का काम होता पाया गया.
मेटल शीट कटिंग का काम भी बिना एनओसी होता हुआ पाया गया. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी फैक्टरियों की कुछ माह बाद दोबारा जांच की तो अधिकांश फैक्टरी मौके पर बंद मिलीं. बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा का कहना है कि अनाधिकृत यूनिटों पर जुर्माना लगाया गया है. बोर्ड ने रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल कर दी है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक 20 से ज्यादा ई कचरा निस्तारण यूनिट हैं. यूनिटों को ई कचरा निस्तारण के लिए एनओसी भी जारी की हुई है. सबसे अधिक यूनिटें मसूरी गुलावठी रोड औद्योगिक क्षेत्र में ही हैं.
गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क