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Gaziabad एमआरआई केंद्र के लिए कवायद शुरू, नसों से संबंधित बीमारी में एमआरआई जरूरी 

Madhya Pradesh के 9 मेडिकल कॉलेजों में सीटी व एमआरआई मशीन लगेंगी
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   जिले में सरकारी स्तर पर पहले एमआरआई केंद्र की स्थापना के लिए फिर से प्रयास शुरु किए गए हैं. एमएमजी अस्पताल में इसके लिए जगह भी निश्चित कर ली गई है. एमआरआई केंद्र के लिए अस्पताल प्रबंधन ने फिर से सीएमओ और शासन को पत्र लिखा है.
शासन ने गाजियाबाद समेत  जिलों में एमआरआई केंद्र के लिए अनुमति दी थी और मशीन के लिए धनराशि भी अवमुक्त की. शासन स्तर से मशीन की खरीद की जानी है. एमएमजी अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन से पहले एमआरआई सुविधा शुरु होने की संभावना थी, लेकिन जुलाई में सीटी स्कैन मशीन शुरू भी हो चुकी है. लेकिन एमआरआई जांच के लिए मरीजों को निजी केंद्रों या दिल्ली की दौड़ लगानी पड़ रही है. अब एमएमजी अस्पताल प्रबंधन की ओर से एमआरआई जांच शुरु करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सीएमओ और शासन को पत्र लिखा है.


नसों से संबंधित बीमारी में एमआरआई जरूरी जानकारों का कहना है कि नसों से संबंधित बीमारी में एमआरआई की जरूरत होती है और कई मामलों में सीटी स्कैन की जरूरत होती है. दोनों जांच की अलग जरूरत और महत्व है. एमआरआई जांचशहर की निजी लैबों में पांच से सात हजार रुपए में होती है. दिल्ली में कई संस्थाएं कम दाम पर पर एमआरआई जांच करती हैं. कई बीमारियों में डॉक्टर एमआरआई जांच लिखते हैं. जिसके कारण मरीजों को दिल्ली की दौड़ लगानी पड़ती है. कई मामलों में मरीजों को दिल्ली ही रेफर कर दिया जाता है.
प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने के लिए पत्र लिखे एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनोज चतुर्वेदी ने कहा कि शासन ने एमआरआई जांच के भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी थी. कुछ कारणों से इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. इस प्रक्रिया को दोबारा शुरु करने के लिए पत्र लिखे गए है.


गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क
 

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