
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क दूसरे राज्य और जिलों के 14 से कम उम्र के बच्चों से गाजियाबाद में बालश्रम कराया जा रहा है. महिला एवं बाल कल्याण विभाग, श्रम विभाग और सिटी मजिस्ट्रेट ने पुराना बस अड्डा स्थित होटलों छापेमारी कर बिहार के दो और बरेली के एक बच्चे को मुक्त कराया है. साथ ही पांच बच्चों को रेस्क्यू कर बाल आश्रय गृह भेजा गया है. जहां परिजनों को बुलाकर बच्चों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है.
जिले में बच्चों का भविष्य संवारने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसके अंतर्गत जिले में भीख मांगने वाले और होटल, रेस्टोरेंट, ढ़ाबा समेत विभिन्न प्रतिष्ठानों में बाल श्रम करने वाले बच्चों को मुक्त कराया जा रहा है. विभागों ने मिलकर अभी तक कुल आठ बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया है.
बाल संरक्षण अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि शहर के हर चौक-चौराहे पर बड़ी संख्या में छोटे बच्चे भीख मांगते हैं. इनमें से ज्यादातर बच्चे ऐसे हैं जो आर्थिक मजबूरी के कारण उनके अभिभावक इस काम में लगा देते हैं, जिससे ये बच्चे जीवनभर कुछ नहीं कर पाते और बड़े होने पर भी यही काम करके अपना व अपने परिवार का पेट पालते हैं. इससे उनके सपने अधूरे रह जाते हैं. उन्होंने बताया कि रेस्कयू किए गए बच्चों को केंद्र और प्रदेश की योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा. इसका उद्देश्य फुटपाथ पर रहने और सड़कों पर भीख मांगने वाले गरीब बच्चों को शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक की सुविधा देना है. इसके लिए पात्र बच्चों को समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत प्रत्येक माह दो हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.
श्रम विभाग नोटिस जारी कर जुर्माना लगाएगा
बच्चों से बाल श्रम कराने वालों को श्रम विभाग ने नोटिस जारी किए हैं, जिसमें होटल संचालकों से जबाव मांगा गया है. दरअसल बाल श्रम अधिनियम के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति अपने व्यवसाय के उद्देश्य से 14 बर्ष से कम आयु के बच्चे से कार्य कराता है, तो उस व्यक्ति को दो साल की सजा और 50 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है.
बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाएंगे
अभियान के दौरान जो भी बच्चे चिन्हित किए जाएंगे उन बच्चों को शिक्षित करने के लिए अलग-अलग स्तर पर कार्य किया जाएगा. इन बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया जाएगा. बच्चों के स्कूल-कॉलेज की शिक्षा पूरी होने पर प्रोफेशन कोर्स भी कराया जाएगा. इनके पुनर्वास की पूरी व्यवस्था की जाएगी.
फुटपाथ पर रहने और सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है. इन बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के साथ ही शिक्षित भी किया जाएगा. बाल श्रम कराने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. कार्रवाई जारी है.
-विकास चंद्रा, जिला प्रोबेशन अधिकारी
गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क