
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क पीएचडी छात्र अंकित खोखर की हत्या के मामले में पुलिस ने 90 दिन के अंदर चार्जसीट तैयार कर उसे कोर्ट में पेश कर दिया. 112 पन्नों की चार्जशीट में 19 लोगों को गवाह बनाया है. एक करोड़ रुपये हड़पने के चक्कर में अंकित खोखर की हत्या की गई थी.मृतक छात्र के परिजनों का कहना है कि आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा. इस मामले में डीएनए जांच रिपोर्ट नहीं आई है. डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पुलिस सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी.
जिला बागपत के थाना छपरौली के गांव मुकन्दपुर निवासी अंकित खोखर लखनऊ स्थित डॉ.भीमरॉव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे थे. वह मोदीनगर के देवेन्द्रपुरी कॉलोनी निवासी उमेश शर्मा के मकान में किराए पर रहते थे. छह अक्तूबर 2022 को अंकित खोखर अचानक लापता हो गए थे. दोस्तों ने 12 दिसंबर को मोदीनगर थाने में गुमशुदगी दर्ज की थी. पुलिस ने इस मामले में 14 दिसंबर 2022 को मकान स्वामी उमेश शर्मा निवासी देवेन्द्रपुरी कॉलोनी व उसके मौसरे भाई प्रवेश शर्मा निवासी चिपयाना गौतमबुद्वनगर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पीएचडी स्कॉलर अंकित खोखर के शरीर के तीन टुकड़े करके शामली, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे और नहर पर फेंक दिया था. जिस मकान में हत्या की गई थी ,वहां पर पुलिस को खून मिला था. पुलिस ने जांच में मिले खून से मृतक के चाचा और बुआ का सैंपल लेकर डीएनए जांच के लिए भेजा है. लेकिन अभी तक डीएनए रिपोर्ट नहीं आई है. 90 दिन पूरे के चलते पुलिस को पहले ही बिना डीएनए रिपोर्ट के ही चार्जशीट भेजनी पड़ रही है.
गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क