उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जिले में 70 कॉलोनियां मच्छरों के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं. इनमें छह वर्षों में मलेरिया के 349 और डेंगू के 3575 मरीज सामने आ चुके हैं. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लगातार यहां सर्वे कर रहा. इस साल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैस रोगों की रोकथाम के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग का कार्य किया जा रहा है.
विश्व मच्छर दिवस हर साल 20 को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य वेक्टर जनित बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करा है. चौंकाने वाली बात यह है कि हर साल भारत में 40 मिलियन लोग मच्छर जनित बीनारियों से पीड़ित होते हैं. इनमें से मलेरिया सबसे आम हैं. गाजियाबाद के आंकड़ों के मुताबिक छह सालों में मलेरिया के 349 और डेंगू के 3575 मरीजों की पहचान की गई. इस साल अब तक मलेरिया के आठ और डेंगू के चार रोगी मिले है. हालांकि चिकनगुनिया के रोगी बेहद कम रहे. लेकिन संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत लोगों में जागरूकता और रोकथाम के लिए गतिविधियां की गई. मच्छर प्रजनन को नियंत्रित करने के लिए एंटी लार्वा स्प्रे और फॉगिंग कराई जा रही है.
रोकथाम के लिए सतर्कता बरती जा रही
जिला मलेरिया अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्र ने बताया कि डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है. इसके लिए जिले में 90 डीबीसी की नियुक्ति की जा चुकी है. कॉलोनियों में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव करा जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में भोजपुर पीएचसी के अटौर और कलछीना, डासना सीएचसी के नंगला अटैर, मानकी, लोनी सीएचसी के मेवला भट्टी, चिरौड़ी, सिरौली, नन्नू गांव और मुरादनदर सीएचसी के भनैड़ा, सुनैड़ा, ग्यासपुर, कठवाड़ी, पैंगा, सौंदा, सुठारी को संवेदनशील चिह्नित किया गया है.
गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क